जयशंकर प्रसाद कृत अरुण यह मधुमय देश हमारा कविता की सप्रसंग व्याख्या arun ye madhumeh Desh hamara

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Jaishankar Prasad Arun yah madhumeh Desh hamara poem
प्रस्तुत गीत श्री जयशंकर प्रसाद के नाटक चंद्रगुप्त से अवतरित है जिसमें सेल्युकस की बेटी कार्नेलिया भारत की प्राकृतिक संपदा तथा सांस्कृतिक सौंदर्य का वर्णन करती है। यह देश प्रेम की भावना का गीत है जिसमें राष्ट्रीय भावना एवं सांस्कृतिक गौरव की भी अभिव्यक्ति हुई है। गीती छंद में रचित यह कविता भारतवर्ष की महिमा का गान है। प्रातः कालीन प्राकृतिक सौंदर्य का आकर्षक वर्णन करते हुए कवि ने प्रकृति का मानवीकरण किया है।

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