Santan Saptami Vrat Katha 2024 | संतान सप्तमी व्रत कथा | Santan Saptami Ki Kahani | संतान सप्तमी कथा

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संतान सप्तमी या संतान सातें या ललिता सप्तमी व्रत कथा,भाद्र शुक्ल सप्तमी को सन्तान सप्तमी कहा जाता हैं.
ये व्रत हर वर्ष भाद्रपद महीने की शुक्लपक्ष के सप्तमी तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल सप्तमी तिथि 22 सितंबर को पड़ रही है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 21 सितंबर को दोपहर 2:14 बजे शुरू होकर 22 सितंबर 2023 को दोपहर 1:35 बजे खत्म होगी। उदया तिथि के अनुसार 22 सितंबर को व्रत रखा जाएगा।
संतान की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए रखें ये व्रत, भगवान शिव और माता पार्वती देंगे आशीर्वाद
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राधे राधे जय श्री कृष्णा धन्यवाद यह कहानी मेरी स्वरचित है अगर कोई इस कहानी को डालता है तो वह खुद जिम्मेदार होगा मेरे कहानी सुनाने से पहले यह कहानी आपको यू tube पर नहीं मिलेगी लेकिन मेरे कहानी सुनाने के बाद इस कहानी को अगर कोई डालता है तो उसके लिए हम कहना चाहेंगे की इसका used न करे न सुनावे कहानी बनाने में बहुत मेहनत लगती है
*THANKS FOR WATCHING*
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भादवा मास की सन्तान सप्तमी व्रत की कहानी
इस दिन सप्त ऋषियों के सम्मान में व्रत रखा जाता हैं तथा सात ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दिया जाता हैं. इसके अतिरिक्त इस दिन पुत्र प्राप्ति, सन्तान सुख के लिए भी व्रत किया जाता हैं.
संतान सप्तमी व्रत संतान की मंगलकामना के लिए रखा जाता है। इस व्रत में भगवान शंकर व माता पार्वती की विधि वत पूजा की जाती है। इस व्रत को स्त्री पुरुष दोनों ही रख सकते हैं। संतान सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की भी पूजा की जाती है। संतान की सुख-समृद्धि के लिए व्रत को सबसेअच्छा माना जाता है। इस दिन का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है, संतान दीर्घायु होती है और उनके सभी दुखों का नाश होता है।
संतान सप्तमी व्रत संतान और उसकी मंगलकामना के लिए रखा जाता है। इस व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है। इस व्रत को स्त्री व पुरुष दोनों ही रख सकते हैं।

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