Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть Pitru Stotra likhit mein | पितृ स्तोत्र हिन्दी मे| Pitra Stotra likha hua| पितृ दोष से मुक्ति के लिए

  • SUKH SAMRIDHI UPAY
  • 2025-09-09
  • 345
Pitru Stotra likhit mein | पितृ स्तोत्र हिन्दी मे| Pitra Stotra likha hua| पितृ दोष से मुक्ति के लिए
  • ok logo

Скачать Pitru Stotra likhit mein | पितृ स्तोत्र हिन्दी मे| Pitra Stotra likha hua| पितृ दोष से मुक्ति के लिए бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно Pitru Stotra likhit mein | पितृ स्तोत्र हिन्दी मे| Pitra Stotra likha hua| पितृ दोष से मुक्ति के लिए или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку Pitru Stotra likhit mein | पितृ स्तोत्र हिन्दी मे| Pitra Stotra likha hua| पितृ दोष से मुक्ति के लिए бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео Pitru Stotra likhit mein | पितृ स्तोत्र हिन्दी मे| Pitra Stotra likha hua| पितृ दोष से मुक्ति के लिए

Pitru Stotra likhit mein | पितृ स्तोत्र हिन्दी मे| Pitra Stotra likha hua| पितृ दोष से मुक्ति के लिए

‪@sukhsamridhiupay‬

Pitru Stotra | पितृ स्तोत्र | Pitra Stotra | पितरों को प्रसन्न करने एवं पितृ दोष से मुक्ति के लिए Pitru Stotra likhit mein | पितृ स्तोत्र हिन्दी मे| Pitra Stotra likha hua| पितृ दोष से मुक्ति के लिएPitru Stotra | पितृ स्तोत्र | Pitra Stotra | पितरों को प्रसन्न करने एवं पितृ दोष से मुक्ति के लिए

Pitru Stotra | पितृ दोष निवारण के लिए पितृपक्ष में नित्य सुनें पितृ स्तोत्र | Pitru Stotram

पितृ स्तोत्र | श्राद्ध कृत पितृ स्तोत्र | पित्रो को आकर्षक बनानेवाला स्तोत्र | --

pitru dosha nivaran stotra
ruchi kruta pitru stotra
pitru stotra anand pathak

#pitrustotra #pitrupaksh #pitrupaksha2022 #pitrudosh
#पितृस्तोत्र #पितृदोषनिवारणस्तोत्र #पितृमंत्र
#पितृस्तोत्र #पितृदोषनिवारणस्तोत्र #पितृमंत्र
पितृ स्तोत्र | श्राद्ध कृत पितृ स्तोत्र | पित्रो को आकर्षक बनानेवाला स्तोत्र | -------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- पित्रो ने कहा है : जो मनुष्य इस स्तोत्र का पाठ करेगा हम उसे मनोवांछित भोग और उत्तम फल प्रदान करेंगे | जो निरोगी चाहता है हो-धन-पुत्रको प्राप्त करना चाहता है हो वो हमेशा इस स्तुति से हमें प्रोत्साहित करे | यह स्तोत्र हमें आकर्षक करने वाला है | जो भी श्राद्ध में भोजन करने वाले ब्राह्मण के सामने होकर भक्ति को नकारता है वह इस स्तोत्र का पाठ चाहता है वह हम निश्चित करते हैं कि हमारे लिए आने वाले श्राद्ध को हम ग्रहण करेंगे | जहा पर श्राद्ध में इस स्तोत्र का पाठ किया जाता है वहा हम लोगो को बारह सेनतक बने रहने वाली तृप्ति करने में सफलता मिलती है | यह स्तोत्र हमें दो साल पहले तक तृप्ति प्रदान करता है। जिस घर में यह स्तोत्र लिखा जाता है वह हम श्राद्ध के समय में शामिल होते हैं श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन करवाते समय इस स्तोत्र में शामिल होना चाहिए यह हमें पुष्टि प्रदान करता है | #पितृस्तोत्र #पितृदोषनिवारणस्तोत्र #पितृमंत्र
#पितृस्तोत्र #पितृदोषनिवारणस्तोत्र #पितृमंत्र
#pitrudosh #pitrupaksh #pitrustotra
Pitru Stotra | पितृ दोष निवारण के लिए पितृपक्ष में नित्य सुनें पितृ स्तोत्र | Pitru Stotram

pitru dosha nivaran stotra
ruchi kruta pitru stotra
pitru stotra anand pathak

#pitrustotra #pitrupaksh #pitrupaksha2022 #pitrudosh
Shorts remixing this videoपितृ स्तोत्र | पितृ दोष निवारण हेतु पितृ पक्ष में नित्य पितृ पितृ स्तोत्र | पितृ स्तोत्रम्



।। अथ पितृस्तोत्र ।।

1- अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ।।
हिन्दी अर्थ– जो सबके द्वारा पूजित, अमूर्त, अत्यन्त तेजस्वी, ध्यानी तथा दिव्यदृष्टि सम्पन्न हैं, उन पितरों को मैं सदा नमस्कार करता हूँ ।

2- इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।
सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् । ।
हिन्दी अर्थ– जो इन्द्र आदि देवताओं, दक्ष, मारीच, सप्तर्षियों तथा दूसरों के भी नेता हैं, कामना की पूर्ति करने वाले उन पितरो को मैं प्रणाम करता हूँ ।3- मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा ।
तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।।
हिन्दी अर्थ– जो मनु आदि राजर्षियों, मुनिश्वरों तथा सूर्य और चन्द्रमा के भी नायक हैं, उन समस्त पितरों को मैं जल और समुद्र में भी नमस्कार करता हूँ ।

4- नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा ।
द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।
हिन्दी अर्थ– नक्षत्रों, ग्रहों, वायु, अग्नि, आकाश और द्युलोक तथा पृथ्वी के भी जो नेता हैं, उन पितरों को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ ।

5- देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।
अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि: ।।
हिन्दी अर्थ– जो देवर्षियों के जन्मदाता, समस्त लोकों द्वारा वन्दित तथा सदा अक्षय फल के दाता हैं, उन पितरों को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ ।

6- प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च ।
योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।
हिन्दी अर्थ– प्रजापति, कश्यप, सोम, वरूण तथा योगेश्वरों के रूप में स्थित पितरों को सदा हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ ।

7- नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।
स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।।
हिन्दी अर्थ– सातों लोकों में स्थित सात पितृगणों को नमस्कार है। मैं योगदृष्टिसम्पन्न स्वयम्भू ब्रह्माजी को प्रणाम करता हूँ ।

8- सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।
नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।।
हिन्दी अर्थ– चन्द्रमा के आधार पर प्रतिष्ठित तथा योगमूर्तिधारी पितृगणों को मैं प्रणाम करता हूँ। साथ ही सम्पूर्ण जगत् के पिता सोम को नमस्कार करता हूँ ।

9- अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।
अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ।।
हिन्दी अर्थ– अग्निस्वरूप अन्य पितरों को मैं प्रणाम करता हूँ, क्योंकि यह सम्पूर्ण जगत् अग्नि और सोममय है ।

10- ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय: ।
जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ।।
तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस: ।
नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ।।

हिन्दी अर्थ– जो पितर तेज में स्थित हैं, जो ये चन्द्रमा, सूर्य और अग्नि के रूप में दृष्टिगोचर होते हैं तथा जो जगत्स्वरूप एवं ब्रह्मस्वरूप हैं, उन सम्पूर्ण योगी पितरो को मैं एकाग्रचित्त होकर प्रणाम करता हूँ । उन्हें बारम्बार नमस्कार है। वे स्वधाभोजी पितर मुझपर प्रसन्न हों ।

।। इति पितृ स्त्रोत समाप्त ।।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]