रामनगरी अयोध्या मे मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक संम्पन्न हुई

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अयोध्या से अंकित श्रीवास्तव की रिपोर्ट



Anchor-रामनगरी अयोध्या मे मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक संम्पन्न हुई।बैठक के बाद कार्यशाला मूर्ति निर्माण और जन्मभूमि का स्थलीय निरीक्षण किया।वही भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में निर्माणाधीन भगवान राम लला का मंदिर जन्मभूमि पथ रामलला की मूर्ति निर्माण प्रक्रिया का स्थलीय निरीक्षण हुआ।इस बैठक मे तय हुआ है कि राममंदिर का भूतल और रामलला की अचल मूर्ति नवंबर तक हर हाल में तैयार हो जाएगी।इसके साथ ही बैठक समाप्त हो गई।राममंदिर निर्माण समिति की बैठक समाप्त होने के बाद श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी देते हुए कहा कि रामलला की गर्भगृह में प्राणप्रतिष्ठा के बाद दर्शन और मंदिर के प्रथम व दूसरे तल का काम भी साथ-साथ चलता रहे इसको लेकर अध्ययन किया जा रहा है। दर्शन व निर्माण कार्य के बीच तालमेल बनाकर व भक्तों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए काम को आगे बढ़ाया जाए, इसको लेकर भी ट्रायल किया जा रहा है।

V/0-1-वही ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा भगवान रामलला के विराजमान होने के बाद द्वितीय तल का होता रहे निर्माण श्रद्धालुओं को ना हो असुविधा हुआ है इसका ट्रायल हुआ, निषादराज शबरी अहिल्या बाल्मीकि वशिष्ठ इनके मूर्ति निर्माण को लेकर मंथन हुआ।भूतल तैयार होने के बाद प्राण प्रतिष्ठा होंगी। भूतल निर्माण के बाद मंदिर को दिसंबर तक फाइनल टच दिया जाएगा, भगवान राम लला की 51 इंच की प्रतिमा होंगी।जिसको कर्नाटक के मैसूर से आए दो पत्थरों पर बन रही है रामलला की मूर्ति एक अन्य मूर्ति राजस्थान के मकराना मार्बल से बनायी जा रही है, मूर्तिकार अरुण योगीराज अपनी पसंद का पत्थर कर्नाटक से लेकर अयोध्या आए हैं। राम मंदिर में दो पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए तांबे की पत्ती का इस्तेमाल किया जा रहा है, तांबे की आयु 1000 वर्ष तक सुरक्षित होती है।भगवान रामलला के मंदिर में शालीन फसाद लाइट लगाई जाएगी, लाइटिंग से बढ़े मंदिर की गरिमा इस पर भी मंथन हुआ है।

V/0-2-चंपत राय ने कहा कि मंदिर में बन रहे तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र, सीवर प्लांट, 300 शौचालय के कांप्लेक्स सहित अन्य कार्यों की भी समीक्षा की गई। राम मंदिर के फसाड को लेकर भी चर्चा हुई। मंदिर की लाइटिंग इस तरीके से हो कि मंदिर की गरिमा बढ़े, इसको लेकर विचार-विमर्श किया गया है। मंदिर का फसाड बंदरों से भी सुरक्षित रहे इसको लेकर क्या उपाय किए जाएं, इस पर भी मंथन हुआ।बैठक में निर्माण कार्यों के आय-व्यय की भी समीक्षा की गई। निर्माण कार्य में पेमेंट की क्या व्यवस्था, बिल वाउचर कैसे बनते हैं, पैकेज और रेट तय होने की क्या प्रक्रिया है आदि को लेकर टाटा व एलएनटी के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे.उन्होंने कहा कि बुधवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक होगी जिसमें ट्रस्ट के सभी पदाधिकारी जुड़ेंगे।वही कहा कि रामजन्मभूमि परिसर में रामायण के पात्रों के आठ मंदिर बनने हैं।जटायु का मंदिर कुबेर टीला पर बनेगा। शेष सात मंदिरों का निर्माण कार्य शुरू करने पर भी चर्चा हुई है। अभी चर्चा हुई कि इन मंदिरों का निर्माण कार्य शुरू करने से अन्य कामों पर कोई दिक्कत तो नहीं आएगी।बता दे कि बैठक में ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित कार्यदाई संस्था के इंजीनियर मौजूद रहे।

Byte-चंपत राय,महासचिव श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या

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