पक्के बाघ अभयारण्य [Pakke Tiger Reserve in East Arunachal Pradesh India]—Hindi Video*****Documentary

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पक्के बाघ अभयारण्य [Pakke Tiger Reserve in East Arunachal Pradesh India]—Hindi Video*****Documentary

पक्के बाघ अभयारण्य (Pakke Tiger Reserve) भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के पक्के-केसांग ज़िले में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र है। यह भारत के प्रोजेक्ट टाईगर कार्यक्रम का भाग है, जिसे अंतर्गत बाघ का संरक्षण करा जाता है। यह 862 वर्ग किमी वाला आरक्षित वन अरुणाचल प्रदेश के पर्यावरण और वन विभाग द्वारा संचालित है।

हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के ‘पक्के टाइगर रिज़र्व’ से होकर जाने वाली एक सड़क के निर्माण की परियोजना को राज्य सरकार द्वारा अनुमति प्रदान की गई है।

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पक्के टाइगर रिज़र्व, जिसे ‘पखुई टाइगर रिज़र्व’ के नाम से भी जाना जाता है, पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के पूर्वी कामेंग ज़िले में स्थित एक टाइगर रिज़र्व है।
यह अरुणाचल प्रदेश राज्य में नामदफा रिज़र्व के पश्चिम भाग में स्थित है जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 862 वर्ग किमी. है।

इस टाइगर रिज़र्व ने 'संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण' की श्रेणी में ‘हॉर्नबिल नेस्ट एडॉप्शन प्रोग्राम’ के लिये भारत जैव विविधता पुरस्कार (India Biodiversity Award-IBA) जीता था।
यह उत्तर-पश्चिम में भारेली या कामेंग नदी और पूर्व में पक्के नदी से घिरा है।
पक्के टाइगर रिज़र्व (नवंबर से मार्च तक ठंडे मौसम वाली) उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु क्षेत्र में अवस्थित है।

यहाँ बिल्ली परिवार की तीन बड़ी प्रजातियाँ- बंगाल टाइगर, इंडियन लेपर्ड और क्लाउडेड तेंदुआ पाई जाती हैं।

यहाँ विश्व स्तर पर लुप्तप्राय सफेद पंखों वाला ‘व्हाइट विंग्ड वुड डक’ (White-winged Wood Duck), अनोखा आईबिसबिल (Ibisbill) और दुर्लभ ओरिएंटल बे उल्लू (Oriental Bay Owl) और हॉर्नबिल जैसे पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

जीव विज्ञान और पर्यावरण
राजमार्ग और बाघ संरक्षण
24 Feb 2020 6 min read
टैग्स: सामान्य अध्ययन-IIIसंरक्षण
प्रीलिम्स के लिये:
पक्के टाइगर रिज़र्व

मेन्स के लिये:
मानव-जीव संघर्ष

चर्चा में क्यों?
हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के ‘पक्के टाइगर रिज़र्व’ से होकर जाने वाली एक सड़क के निर्माण की परियोजना को राज्य सरकार द्वारा अनुमति प्रदान की गई है।

पक्के टाइगर रिज़र्व:

पक्के टाइगर रिज़र्व, जिसे ‘पखुई टाइगर रिज़र्व’ के नाम से भी जाना जाता है, पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के पूर्वी कामेंग ज़िले में स्थित एक टाइगर रिज़र्व है।
यह अरुणाचल प्रदेश राज्य में नामदफा रिज़र्व के पश्चिम भाग में स्थित है जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 862 वर्ग किमी. है।
इस टाइगर रिज़र्व ने 'संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण' की श्रेणी में ‘हॉर्नबिल नेस्ट एडॉप्शन प्रोग्राम’ के लिये भारत जैव विविधता पुरस्कार (India Biodiversity Award-IBA) जीता था।
यह उत्तर-पश्चिम में भारेली या कामेंग नदी और पूर्व में पक्के नदी से घिरा है।
पक्के टाइगर रिज़र्व (नवंबर से मार्च तक ठंडे मौसम वाली) उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु क्षेत्र में अवस्थित है।
यहाँ बिल्ली परिवार की तीन बड़ी प्रजातियाँ- बंगाल टाइगर, इंडियन लेपर्ड और क्लाउडेड तेंदुआ पाई जाती हैं।
यहाँ विश्व स्तर पर लुप्तप्राय सफेद पंखों वाला ‘व्हाइट विंग्ड वुड डक’ (White-winged Wood Duck), अनोखा आईबिसबिल (Ibisbill) और दुर्लभ ओरिएंटल बे उल्लू (Oriental Bay Owl) और हॉर्नबिल जैसे पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

क्या है परियोजना?

इस परियोजना के तहत पूर्वी कामेंग ज़िले के पक्के टाइगर रिज़र्व से होकर 692.7 किलोमीटर लंबा राजमार्ग बनाने की योजना है

इसका निर्माण पूर्वी-पश्चिम इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के एक हिस्से के रूप में किया जाएगा जो अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग ज़िले में भैराभुंडा (Bhairabhunda) और अरुणाचल प्रदेश-असम सीमा पर स्थित चांगलांग ज़िले (अरुणाचल प्रदेश) के मानमाओ (Manmao) को जोड़ेगा।

पक्के टाइगर रिज़र्व’ के ‘कोर एरिया’ (Core Area) से होकर 40 किलोमीटर लंबाई के ‘एलिवेटेड स्ट्रेच’ (Elevated Stretch) मार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 2,550 करोड़ रुपए है।
कहाँ है समस्या?
इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ‘एलिवेटेड स्ट्रेच’ के निर्माण में पेड़ नहीं काटे जाएंगे तथा वन्यजीवों को कोई नुकसान नहीं होगा।
पूर्व के मूल प्रस्ताव में इस गलियारे के सुबानसिरी नदी जलविद्युत परियोजना के पास से गुजरने का प्रस्ताव था, जिसे क्यों बदल दिया गया इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
अरुणाचल प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र:
नामदफा:

यह पूर्वी हिमालय में अवस्थित एक ‘जैव विविधता हॉटस्पॉट’ (Biodiversity Hotspot) है। यह 27° उत्तरी अक्षांश पर तराई सदाबहार वर्षावन क्षेत्र में अवस्थित है।
कमलांग टाइगर रिज़र्व:

वर्ष 1989 में स्थापित कमलांग वन्यजीव अभयारण्य वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है जो अरुणाचल प्रदेश के लोहित ज़िले में स्थित है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश:

वर्ष 2012 में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण’ (National Tiger Conservation Authority- NTCA) द्वारा अधिसूचित दिशा-निर्देशों के संदर्भ में बाघ अभयारण्यों के कोर क्षेत्र में पर्यटन सहित सभी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, हालाँकि बाद में विशेष उपायों के तहत पर्यटन गतिविधियों की अनुमति प्रदान की गई थी।

MAB कार्यक्रम:
MAB कार्यक्रम को वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य मानव और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों के सुधार के लिये एक वैज्ञानिक आधार स्थापित करना है।

आगे की राह:
हमें ऐसी परियोजनाओं में मैन एंड द बायोस्फियर प्रोग्राम (Man and the Biosphere Programme-MAB) के आधारभूत नियमों को स्थापित करना चाहिये।

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