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Скачать или смотреть इस मंदिर में भक्तों को मिलता है पशु पक्षियों का झूठा प्रसाद

  • Vanity News
  • 2017-12-05
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इस मंदिर में भक्तों को मिलता है पशु पक्षियों का झूठा प्रसाद
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Описание к видео इस मंदिर में भक्तों को मिलता है पशु पक्षियों का झूठा प्रसाद

Subscribe to    / renukasindiankitchen   for mouth watering Indian Food Recipes Support Vanity News by Shopping on Amazon
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Support Vanity News by Shopping on Amazon https://www.amazon.in/shop/vanitynews (affiliate) ईश्वर का निवास केवल मनुष्य के हदय और मूर्तियों में ही नहीं है बल्कि इस सृष्टि के कण-कण में है। भोले-भाले पशु-पक्षियों में भी भगवान के दर्शन किए जा सकते हैं। इसी कारण कई जगहों पर इनकी पूजा की जाती है। इन्हीं में से एक स्थान है बलरामपुर के तुलसीपुर क्षेत्र में स्थित देश की इक्यावन शक्तिपीठों में से एक मां पाटेश्वरी देवी पाटन मंदिर।

इस मंदिर में आज भी पशु-पक्षियों को प्रसाद खिलाने के बाद भक्तों को बांटने की परम्परा है। मंदिर के महंत मिथलेशनाथ योगी के अनुसार मंदिर मे माँ भगवती को भोग लगाने के बाद चील, कौवे, बाज, कबूतर, चिड़िया, गौरैया, गौ, कुत्ते तथा अन्य नाना प्रकार के खग विहग पशु-पक्षियों को परम्परागत भोजन कराया जाता है।




मंदिर परिसर में जैसे ही घंटा घड़ियाल बजना आरम्भ होता है, इधर उधर अन्य स्थानों से उड़ान भर पक्षियों का झुंड मंदिर में भोजन के लिए एकत्र हो जाता है। इतना ही नहीं पशु पक्षी भी सती माता को चढ़ाए प्रसाद को भोजन के रुप में झुंड में ग्रहण कर मनमोहक चहचहाहट के संग अठखेलियों को प्रस्तुत कर माँ के भक्तों का मन मोह लेते हैं।



उन्होंने बताया कि संसार की रचना में प्रकृति, मानव तथा पशु पक्षियों का महत्वपूर्ण योगदान है। मंदिर परिसर में गौशाला के अतिरिक्त घोंसले, पिंजड़े, घरौंदे तथा अन्य जानवरों के शरणालय बने हैं। नाथ सम्प्रदाय के देश विदेश से आने वाले अनुयायी पालतू पशुओं की सेवादारी कर पुण्य कमाते हैं। मंदिर परिसर में लगे प्राचीन बरगद के पेड़ों पर हजारों की संख्या में चमगादडों का वास है जिनको दूर दराज से आए देवीभक्त देर-देर तक निहार कर उनकी हरकतों का देखकर प्रसन्न होते हैं।-एजेंसी

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