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भारत सरकार ने कश्मीर से 370 धारा हटाकर कश्मीर को भारत का अभिन्न इस्लामिक प्रदेश बना दिया। वहां की कश्मीरी हिंदुओं की आबादी का नरसंहार के बाद पलायन हो चूका और अब कश्मीर घाटी में लगभग 100 प्रतिशत मुसलमान ही हैं। ऐसे में इस्लामिक कट्टर मुसलमानों का आतंक देश के विभिन्न जगहों पर फैलने की आशंका थी -जिसे कल शाम लाल किला ब्लास्ट ने सच कर दिया।
घाटी अब लगभग 99% मुस्लिम है, लेकिन यह 1990 के पलायन का परिणाम है, न कि धारा 370 हटाने का। हटाने के बाद डोमिसाइल नियमों से गैर-कश्मीरियों को बसने की अनुमति मिली, जिससे कुछ आशंकाएं हैं, लेकिन बड़े बदलाव की कोई पुष्टि नहीं।
3. लाल किला ब्लास्ट: क्या हुआ?घटना का विवरण: 10 नवंबर 2025 शाम 6:50 बजे दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन (गेट नं. 1) के पास एक धीमी गति से चल रही Hyundai i20 कार में जोरदार विस्फोट हुआ। इससे आग लगी, जो 3-6 अन्य वाहनों तक फैली। मृतक: 9-13 (अंतिम आंकड़े 13), घायल: 17-24। घटनास्थल पर मलबा, जले वाहन, और शव बिखरे थे।वीडियो/फोटो: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में नारंगी आग का गोला और काला धुआं दिखा। (नोट: कुछ पुरानी तस्वीरें लेबनान के 2024 हमले की गलत सर्कुलेट हुईं, PIB ने फेक बताया।)
तत्काल प्रतिक्रिया:PM मोदी: "शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना।"
गृह मंत्री अमित शाह: अस्पताल का दौरा किया, हाई-लेवल मीटिंग बुलाई। "सभी संभावनाएं जांच रही हैं।"
अन्य: US दूतावास ने अलर्ट जारी, ममता बनर्जी ने शोक जताया। लाल किला 3 दिन बंद, मेट्रो स्टेशन बंद, ट्रैफिक प्रतिबंध।
जांच की स्थिति: दिल्ली पुलिस ने UAPA (गैरकानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम) और विस्फोटक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। NIA, NSG, फॉरेंसिक टीमें सक्रिय।
संदिग्ध लिंक: कार हरियाणा नंबर की, पुलवामा (J&K) के तारिक को बेची गई। फरीदाबाद (हरियाणा) से 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद (पहले ही)। एक संदिग्ध (पुलवामा डॉक्टर) हिरासत में। कोई आतंकी समूह ने दावा नहीं किया।
कारण: अभी अनिश्चित—आतंकी हमला, दुर्घटना, या अन्य। अमित शाह: "हर एंगल से जांच।"
4. ब्लास्ट और धारा 370/कश्मीर का कथित लिंक: सच्चाई क्या?आशंका vs तथ्य: आपकी चिंता कि धारा 370 हटाने से "इस्लामिक कट्टर मुसलमानों का आतंक फैलेगा" समझ में आती है, खासकर पलायन और जनसांख्यिकीय बदलाव के संदर्भ में। लेकिन उपलब्ध डेटा से यह सीधा लिंक सिद्ध नहीं होता:घटना-विशेष: ब्लास्ट का J&K कनेक्शन (कार का पुलवामा लिंक, संदिग्ध डॉक्टर) है, लेकिन यह 1990 के उग्रवाद या धारा 370 हटाने से जुड़ा नहीं लगता। बल्कि, यह क्रॉस-बॉर्डर या स्थानीय मॉड्यूल (जैसे फरीदाबाद) से प्रतीत होता है। 2025 में J&K में आतंकी घटनाएं सबसे कम हैं।
बड़े ट्रेंड: धारा 370 हटाने के बाद आतंक घटा (MHA रिपोर्ट: 36% कमी), लेकिन 2024-25 में जम्मू (पहले शांत) में हमले बढ़े (जैसे अप्रैल 2025 पहलगाम हमला, 26 पर्यटक मारे)। यह "फैलाव" का संकेत हो सकता है, लेकिन मुख्यतः पाकिस्तान-समर्थित (LeT, JeM)। कोई साक्ष्य नहीं कि घाटी की "100% मुस्लिम" आबादी ने राष्ट्रीय स्तर पर कट्टरता फैलाई।
संतुलित दृष्टि: कुछ विश्लेषक (CTC West Point) कहते हैं कि हटाने से "हाइब्रिड मिलिटेंसी" (स्थानीय+विदेशी) बढ़ी, लेकिन कुल हिंसा घटी। आलोचक (Foreign Policy) चेताते हैं कि असंतोष बरकरार है, जो भविष्य में खतरा पैदा कर सकता है। हालांकि, ब्लास्ट को सीधे "370 का परिणाम" कहना जल्दबाजी होगी—जांच पूरी होने दें।
निष्कर्ष और सिफारिशेंधारा 370 हटाना एक विवादास्पद लेकिन परिवर्तनकारी कदम था, जिसने सुरक्षा सुधार लाए लेकिन सामाजिक घाव (जैसे पंडित पलायन) अभी भी बाकी हैं। लाल किला ब्लास्ट दुखद है और राष्ट्रीय सुरक्षा की कमजोरी दर्शाता है, यह पाक-समर्थित आतंक का हिस्सा लगता है। जांच से स्पष्टता आएगी।कश्मीर के लिए: पंडितों के रिटर्न और समावेशी विकास पर फोकस जरूरी।
सुरक्षा के लिए: पूरे देश में अलर्ट बढ़ाएं, लेकिन अफवाहों से बचें।
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