शाह्जहं द्वितीय (Rafi- Ud-Darajat):अपने वजीर का ही गुलाम था ये मुग़ल बादशाह

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रफ़ी उद-दाराजात सबसे कम समय तक शासन करने वाला मुग़ल बादशाह था।वह बहुत ही अल्प समय (28 फ़रवरी से 4 जून, 1719 ई.) तक ही शासन कर सका।इसके काल की उल्लेखनीय घटना 'नेकसियर' का विद्रोह था।सैयद बंधुओं के बढ़ते दबदबे से नाराज मित्रसेन नामक सरदार ने अपनी सेना के साथ निकुसियर को जबरन कैद से निकाल कर आगरा में ही उसे बादशाह बना दिया. मित्रसेन को आमेर के राजा सवाई जय सिंह का समर्थन प्राप्त था इसलिए उसने निकुसियर को बादशाह बना कर बाकियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी.इसी बीच रफ़ी उद-दाराजात की मृत्यु क्षय रोग के कारण हुई।इस मौत के बाद नेक्सियर को बादशाह मान लिया गया .

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