द्वापर युग की तीन पग भूमि आज भी है इस मंदिर में | श्री कृष्ण को बांधा था इसी ऊखल से यशोदा मैया ने।

Описание к видео द्वापर युग की तीन पग भूमि आज भी है इस मंदिर में | श्री कृष्ण को बांधा था इसी ऊखल से यशोदा मैया ने।

|| जय श्री कृष्णा ||

नंद किला - गोकुल

हमें जब पता चला कि यहां पर द्वापर की तीन पग भूमि आज भी मौजूद है उसके बाद जो हमारी जिज्ञासा थी वह शब्दों में बयां नहीं की जा सकती।

यह आप भी भली भांति समझ सकते हैं कि द्वापर का कोई भी चिन्ह अगर आज भी कहीं पर मौजूद हो तो हम सब की क्या प्रतिक्रिया होगी।

कुछ ऐसा ही हाल हमारा था जब हम यहां पर आए और हमने उस पावन भूमि के दर्शन करें जो की तीन पग भूमि यहां पर मौजूद है।

तो यकीन मानिए हम कुछ क्षण भर के लिए मोहित हो गए थे अर्थात् खो गए थे कि यह भूमि आज भी उस समय की है और सबसे आश्चर्य जनक यह बात है कि आज भी हम इस भूमि के दर्शन कर पा रहे हैं

यह तो पूर्ण रूप से नहीं कहा जा सकता कि यह जो भूमि है उस समय की है लेकिन इस भूमि का एक कण भी अगर उस समय का होगा तो वह अपने आप में बहुत ही सौभाग्य वाली बात है हम सबके लिए जो दर्शन आज प्रभु कृपा से हमें हो रहे हैं।

आज हम आप सभी को जहां पर लेकर आए हैं यह कहलाता है "गोकुल" का "नंद किला" यहां पर आपको काफी झांकियां देखने को मिलेगी।

जैसे कि किस प्रकार वासुदेव जी मथुरा से जन्म के बाद श्री कृष्ण को कैसे लेकर आए थे उसके बाद यहां दूसरी लीला को दिखाया गया है कि किस प्रकार मैया यशोदा ने भगवान श्री कृष्ण को ऊखल से बंधा था।

उसके बाद यहां यह दिखाया गया है कि किस प्रकार भगवान ने पुतना का उद्धार किया था जब वह यहां भगवान को छल करके दूध पिलाने आई थी और साथ में सबसे महत्वपूर्ण दर्शन जो यहां पर द्वापर की तीन पग भूमि आज भी यहां मौजूद है

हम आपसे इतना जरूर कहेंगे कि भविष्य में एक बार ही सही लेकिन यहां पर दर्शन करने आप जरूर जाएं जिससे आपको यहां के दर्शनों का लाभ मिले।

साथ ही हम आपसे यह भी जरूर कहेंगे कि इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि सभी भक्तों तक यहां के दर्शन यहां का महत्व का लाभ मिल सके इसलिए इस वीडियो को हर जगह शेयर करें।

|| राधे-राधे ||

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