सृष्टि की रचना कैसे हुई , सदगुरु कबीर बीजक रमैनी तीन
सृष्टि की उत्पत्ति के पहले क्या था?
वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया कि सृष्टि की रचना सबसे पहले पानी द्वारा हुई थी। हमें सही जानकारी न होने के कारण पहले लोग पृथ्वी को दो भागों में बांटा हुआ मानते थे, जैसे आकाश-पाताल, लोक-परलोक, जिसे हम आज वैज्ञानिक युग में पृथ्वी को दो भू-भाग में देखते हैं
वैज्ञानिकों के अनुसार सृष्टि की रचना एक सर्वव्यापी विस्फोट के साथ हुई, जिसे वह बिग-बैंग की संज्ञा देते हैं। इसके कारण ब्रह्माण्ड अब भी विस्तार पा रहा है। इसके अतिरिक्त विभिन्न दार्शनिक व्यक्तिगत स्तर पर भी इस प्रश्न का उत्तर देने में प्रयासरत दिखाई पड़ते हैं।
भगवान ने दुनिया क्यों बनाई?
भगवान ने दुनिया को अस्तित्व में लाया और इस अच्छे काम की आधारशिला के रूप में, उन्होंने लोगों को अपनी छवि में बनाया ताकि वे ट्रिनिटी के साथ अपने संबंधों के माध्यम से उनके प्रचुर प्रेम, अनुग्रह और अच्छाई को साझा कर सकें। ईश्वर को संसार या लोगों की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि ईश्वर के पास कोई कमी नहीं है।
पृथ्वी को किस भगवान ने बनाया?
पहले में, एलोहिम (ईश्वर के लिए हिब्रू सामान्य शब्द) छह दिनों में स्वर्ग और पृथ्वी का निर्माण करता है, फिर सातवें (यानी बाइबिल सब्बाथ) पर विश्राम करता है, आशीर्वाद देता है और पवित्र करता है।
पहला मानव कैसे बना था?
मानव विकास परिवर्तन की एक लंबी प्रक्रिया है जिसके द्वारा लोगों की उत्पत्ति वानर समान पूर्वजों से हुई है । वैज्ञानिक प्रमाणों से पता चलता है कि सभी लोगों द्वारा साझा किए गए शारीरिक और व्यवहारिक लक्षण वानर समान पूर्वजों से उत्पन्न हुए और लगभग छह मिलियन वर्षों की अवधि में विकसित हुए।
सृष्टि से पहले दुनिया में क्या था?
ऋग्वेद के नासदीय सूक्त के अनुसार, सृष्टि की उत्पत्ति के पहले ना सत था ना असत, केवल अंधकार था। असत से अर्थ शून्य से है, जिसका कोई रूप नहीं है। सत से अर्थ पदार्थ या मैटर से है। उस समय स्वर्गलोक, मृत्यलोक और पाताल लोक भी नहीं थे।
यह वैज्ञानिकों द्वारा सिद्ध हो गया है कि ब्रह्मांड की रचना के समय पृथ्वी भी अस्तित्व में आई। हजारों-करोड़ वर्षों की बात है। पृथ्वी भी आग की तरह दहकते हुए गोले की तरह थी। धीरे-धीरे आग बुझने के कारण भाप बनती गई और कई सालों तक वर्षा होती रही। इतनी बारिश हुई कि, पृथ्वी के चार भागों में से तीन भागों पर चारों तरफ पानी-पानी ही हो गया। इसके कारण सबसे पहले समुद्र, नदी, पहाड़, झील आदि अस्तित्व में आए। पृथ्वी के वायुमंडल तथा हवा, प्रकाश, पानी, मिट्टी होने के कारण सबसे पहले पानी में जीव पैदा हुए तथा पृथ्वी पर भी लाखों तरह के कीड़े-मकोड़े तथा कई प्रकार की वनस्पतियां भी पैदा हुईं। इन्हीं जीवों का विस्तार कई हजार करोड़ वर्षों तक चलते-चलते, जमीन व पानी में रहने वाले जीव प्राणी पैदा हुए। एक-दूसरे के संक्रमण संबंधों के कारणों का विस्तार होता चला गया। कुछ जीव पानी और जमीन पर भी रहने वाले पैदा हुए। फिर जमीन पर चार पैर वाले जानवर विकसित होते-होते, क्रमश: बंदर, बनमानुस, आदिम मानव, फिर मानव जाति आदि, पृथ्वी पर पैदा हुए। ऐसे ही बदलाव होते हुए, आज भी सभी प्रकार के लाखों-करोड़ों कीड़े-मकोड़े, जीव-जंतु, पेड़-पौधे, तरह-तरह की वनस्पतियां, जल और जमीन पर पैदा होते चले आ रहे हैं। आज भी आप जाड़े के दिनों में महीनों तक स्नान मत कीजिए, आपके शरीर के बालों में जूं एवं शरीर के कपड़ों में चिल्लर (जीव) आप पैदा कर देते हैं। गटर में, नाली में या जमीन पर गंदगी करके छोड़ दीजिए, तीसरे-चौथे दिन जीव पैदा हो जाते हैं। इस तरह जल-थल में लाखों-करोड़ों जीव-जंतु पैदा होते हैं, हो रहे हैं और होते रहेंगे।
मानव की उत्पत्ति कब और कैसे हुई
होमो हिबिलस मानव करीब बीस-पच्चीस लाख साल पूर्व हुआ। माना जा रहा है कि आज का होमो सेपियंस मानव तकरीबन 70 हजार साल पहले अस्तित्व में आया। हम उसकी 2800वीं पीढ़ी हैं लेकिन एक अलग ही विषय है।
वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया कि सृष्टि की रचना सबसे पहले पानी द्वारा हुई थी। हमें सही जानकारी न होने के कारण पहले लोग पृथ्वी को दो भागों में बांटा हुआ मानते थे, जैसे आकाश-पाताल, लोक-परलोक, जिसे हम आज वैज्ञानिक युग में पृथ्वी को दो भू-भाग में देखते हैं। कोलंबस की नयी दुनिया की खोज के पहले, कोई भी एक-दूसरे भू-भाग को नहीं जानता था। जमीन से सटे न होने के कारण, कई वर्षों तक किसी भी तरह से दोनों भू-भागों से आने-जाने या मिलने-जुलने का कोई साधन नहीं था।
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