Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть महर्षि भृगु ने क्यों मारी थी भगवान विष्णु की छाती पर लात? जानिए

  • Saurabh Naveen
  • 2021-09-05
  • 31
महर्षि भृगु ने क्यों मारी थी भगवान विष्णु की छाती पर लात? जानिए
  • ok logo

Скачать महर्षि भृगु ने क्यों मारी थी भगवान विष्णु की छाती पर लात? जानिए бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно महर्षि भृगु ने क्यों मारी थी भगवान विष्णु की छाती पर लात? जानिए или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку महर्षि भृगु ने क्यों मारी थी भगवान विष्णु की छाती पर लात? जानिए бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео महर्षि भृगु ने क्यों मारी थी भगवान विष्णु की छाती पर लात? जानिए

Why did Maharishi Bhrigu kick Lord Vishnu on his chest? Learn

धर्म ग्रंथों के अनुसार, महर्षि भृगु ब्रह्माजी के मानस पुत्र हैं। उनकी पत्नी का नाम ख्याति था जो दक्ष की पुत्री है। महर्षि भृगु सप्तर्षिमंडल के एक ऋषि हैं। सावन और भाद्रपद में वे भगवान सूर्य के रथ पर सवार रहते हैं।

एक बार सरस्वती नदी के तट पर ऋषि-मुनि एकत्रित होकर इस विषय पर चर्चा कर रहे थे कि ब्रह्माजी, शिवजी और श्रीविष्णु में सबसे बड़े और श्रेष्ठ कौन है? इसका कोई निष्कर्ष न निकलता देख उन्होंने त्रिदेवों की परीक्षा लेने का निश्चय किया और ब्रह्माजी के मानस पुत्र महर्षि भृगु को इस कार्य के लिए नियुक्त किया।

महर्षि भृगु सर्वप्रथम ब्रह्माजी के पास गए। उन्होंने न तो प्रणाम किया और न ही उनकी स्तुति की। यह देख ब्रह्माजी क्रोधित हो गए। क्रोध की अधिकता से उनका मुख लाल हो गया। लेकिन फिर यह सोचकर कि ये उनके पुत्र हैं, उन्होंने हृदय में उठे क्रोध के आवेग को विवेक-बुद्धि में दबा लिया।

वहाँ से महर्षि भृगु कैलाश गए। देवाधिदेव भगवान महादेव ने देखा कि भृगु आ रहे हैं तो वे प्रसन्न होकर अपने आसन से उठे और उनका आलिंगन करने के लिए भुजाएँ फैला दीं। किंतु उनकी परीक्षा लेने के लिए भृगु मुनि उनका आलिंगन अस्वीकार करते हुए बोले- महादेव! आप सदा वेदों और धर्म की मर्यादा का उल्लंघन करते हैं। दुष्टों और पापियों को आप जो वरदान देते हैं, उनसे सृष्टि पर भयंकर संकट आ जाता है। इसलिए मैं आपका आलिंगन कदापि नहीं करूँगा। उनकी बात सुनकर भगवान शिव क्रोध से तिलमिला उठे। उन्होंने जैसे ही त्रिशूल उठा कर उन्हें मारना चाहा, वैसे ही भगवती सती ने बहुत अनुनय-विनय कर किसी प्रकार से उनका क्रोध शांत किया।

इसके बाद भृगु मुनि वैकुण्ठ लोक गए। उस समय भगवान श्रीविष्णु देवी लक्ष्मी की गोद में सिर रखकर लेटे थे। भृगु ने जाते ही उनके वक्ष पर एक तेज लात मारी। भक्त-वत्सल भगवान विष्णु शीघ्र ही अपने आसन से उठ खड़े हुए और उन्हें प्रणाम करके उनके चरण सहलाते हुए बोले- भगवन! आपके पैर पर चोट तो नहीं लगी? कृपया इस आसन पर विश्राम कीजिए। भगवन! मुझे आपके शुभ आगमन का ज्ञान न था। इसलिए मैं आपका स्वागत नहीं कर सका। आपके चरणों का स्पर्श तीर्थों को पवित्र करने वाला है। आपके चरणों के स्पर्श से आज मैं धन्य हो गया।

भगवान विष्णु का यह प्रेम-व्यवहार देखकर महर्षि भृगु की आँखों से आँसू बहने लगे। उसके बाद वे ऋषि-मुनियों के पास लौट आए और ब्रह्माजी, शिवजी और श्रीविष्णु के यहाँ के सभी अनुभव विस्तार से कह बताया। उनके अनुभव सुनकर सभी ऋषि-मुनि बड़े हैरान हुए और उनके सभी संदेह दूर हो गए। तभी से वे भगवान विष्णु को सर्वश्रेष्ठ मानकर उनकी पूजा-अर्चना करने लगे।

I hope you like this video please subscribe my channel

#MythologyStories

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]