Mere Rashke Qamar-Karaoke

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नुसरत फ़तेहअली खां की 1988 की इस पारंपरिक रचना के मूल शायर हैं फ़ना बुलन्दशहरी. इस को कई बार नुसरत जी और उनके भतीजे राहत फ़तेहअली खां जी ने अलग अलग अंदाज़ में पेश करके बहुत लोकप्रिय बनाया. रचना 2013 में Album की शक्ल में release हुई. 2017 में फिल्म बादशाहों में इस रचना को संगीतकार तनिष्क बागची ने गीतकार मनोज मुन्तशिर के साथ मिलकर एक नया रंग दिया. हमारे सौभाग्य से उन्होंने original आवाजों, नुसरत फ़तेहअली खां और राहत फ़तेहअली खां, को बरकरार रखा. मेरा अपना ख़याल है की गीत को देखने से ज्यादा सुनने में मज़ा है.

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