Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть कुंभ मेले में नागा महिला साधुओं की उपस्थिति उनकी आध्यात्मिक महत्ता और समाज में समानता की अद्भुत

  • THE ABD HISTORY
  • 2025-01-10
  • 5174824
कुंभ मेले में नागा महिला साधुओं की उपस्थिति उनकी आध्यात्मिक महत्ता और समाज में समानता की अद्भुत
महिला नागा साधु कैसे बनती है?कुंभ के बाद नागा साधु कहां जाते हैं?नागा साधुओं का इतिहास क्या है?नागा साधु कितने प्रकार के होते हैं?नागा साधु और अघोरी में क्या अंतर है?भारत में कितने नागा बाबा हैं?सबसे शक्तिशाली नागा कौन है?नागा साधु क्या खाते हैं?साधुओं के बाल उलझे हुए क्यों होते हैं?अघोरी और नागा साधु में क्या अंतर है?
  • ok logo

Скачать कुंभ मेले में नागा महिला साधुओं की उपस्थिति उनकी आध्यात्मिक महत्ता और समाज में समानता की अद्भुत бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно कुंभ मेले में नागा महिला साधुओं की उपस्थिति उनकी आध्यात्मिक महत्ता और समाज में समानता की अद्भुत или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку कुंभ मेले में नागा महिला साधुओं की उपस्थिति उनकी आध्यात्मिक महत्ता और समाज में समानता की अद्भुत бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео कुंभ मेले में नागा महिला साधुओं की उपस्थिति उनकी आध्यात्मिक महत्ता और समाज में समानता की अद्भुत

क्यों इन रहस्यमयी महिला साधुओं को कहा जाता है 'नागिन'...क्या करती हैं ये अपने अखाड़ों में
प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है. ये 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर खत्म होगा. इसमें महिला नागा साधु भी आएंगी. इस दौरान वो अपने अखाड़ों में क्या करती हैं. उनके बाड़े का गेट बिल्कुल उल्टी तरफ क्यों होता है.
News18 हिंदीLast Updated: December 9, 2024, 19:35 IST
विज्ञापन


दुनिया का सबसे बड़ा महाकुंभ मेला प्रयागराज में मकरसंक्रांति यानि 13 जनवरी से शुरू हो रहा है. ये करीब डेढ़ महीने तक चलेगा. इस मेले को यूनेस्को की भी मान्यता मिल चुकी है. महाकुंभ में महिला नागा साधु भी गाजे बाजे के साथ आती हैं. इस दौरान वह अपने अखाड़ों में करती क्या हैं. उन्हें कई संबोधनों से पुकारा जाता है, जिसमें एक शब्द नागिन भी है.
1
12
दुनिया का सबसे बड़ा महाकुंभ मेला प्रयागराज में मकरसंक्रांति यानि 13 जनवरी से शुरू हो रहा है. ये करीब डेढ़ महीने तक चलेगा. इस मेले को यूनेस्को की भी मान्यता मिल चुकी है. महाकुंभ में महिला नागा साधु भी गाजे बाजे के साथ आती हैं. इस दौरान वह अपने अखाड़ों में करती क्या हैं. उन्हें कई संबोधनों से पुकारा जाता है, जिसमें एक शब्द नागिन भी है.


इन महिला नागा संतों की खूबी होती है कि ये शारीरिक तौर पर भी बड़ी कठोर और मजबूत होती हैं. इनसे पंगा लेना आसान नहीं होता.इधर कुछ वर्षों में महिला साधकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. जिसमें विदेशी महिला नागा साधु भी हैं. अखाड़े की महिला साधुओं को माई, अवधूतानी अथवा नागिन के नाम से संबोधित किया जाता है. आखिर इन्हें नागिन क्यों कहा जाता है. इसका क्या मतलब है.
2
12
इन महिला नागा संतों की खूबी होती है कि ये शारीरिक तौर पर भी बड़ी कठोर और मजबूत होती हैं. इनसे पंगा लेना आसान नहीं होता.इधर कुछ वर्षों में महिला साधकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. जिसमें विदेशी महिला नागा साधु भी हैं. अखाड़े की महिला साधुओं को माई, अवधूतानी अथवा नागिन के नाम से संबोधित किया जाता है. आखिर इन्हें नागिन क्यों कहा जाता है. इसका क्या मतलब है.


कुंभ में जूना अखाड़े के अलावा दशनाम संन्यासिनी अखाड़े में महिला नागा साधु भी आती हैं. जूना अखाड़े ने माई बाड़ा को दशनाम संन्यासिनी अखाड़े का स्वरूप दिया था. कुंभ मेले में महिला संन्यासियों के लिए माई बाड़ा नाम से अलग शिविर बनाया जाता है. यह शिविर जूना अखाड़े के ठीक बगल में बनता है.
3
12
कुंभ में जूना अखाड़े के अलावा दशनाम संन्यासिनी अखाड़े में महिला नागा साधु भी आती हैं. जूना अखाड़े ने माई बाड़ा को दशनाम संन्यासिनी अखाड़े का स्वरूप दिया था. कुंभ मेले में महिला संन्यासियों के लिए माई बाड़ा नाम से अलग शिविर बनाया जाता है. यह शिविर जूना अखाड़े के ठीक बगल में बनता है.


श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े में विदेशी महिला नागा साधुओं की संख्या ज़्यादा है. इस अखाड़े में पांच हज़ार से ज़्यादा महिला नागा साधु हैं.
4
12
श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े में विदेशी महिला नागा साधुओं की संख्या ज़्यादा है. इस अखाड़े में पांच हज़ार से ज़्यादा महिला नागा साधु हैं.

जिस समय कुंभ होता है, उस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही होती है. उस ठंड में भी ये महिला नागा साधु केवल एक पतला सूती कपड़ा लपेटे होती हैं. दरअसल योगसाधना के जरिए वो ठंड पर जीत हासिल कर लेती हैं और इस जरिए अपने शरीर ठंडप्रुफ बना लेती हैं. इसी वजह से वो कड़ाके की ठंड में भी आराम से बाहर घूम लेती हैं और कुंभ में डूबकी लगाती हैं.
5
12
जिस समय कुंभ होता है, उस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही होती है. उस ठंड में भी ये महिला नागा साधु केवल एक पतला सूती कपड़ा लपेटे होती हैं. दरअसल योगसाधना के जरिए वो ठंड पर जीत हासिल कर लेती हैं और इस जरिए अपने शरीर ठंडप्रुफ बना लेती हैं. इसी वजह से वो कड़ाके की ठंड में भी आराम से बाहर घूम लेती हैं और कुंभ में डूबकी लगाती हैं.

कुंभ या अर्द्धकुंभ के दौरान महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है, इसे माई बाड़ा कहा जाता है. इसे जूना अखाड़ा में मेन गेट के बिल्कुल उल्टी तरफ बनाया जाता है. ये हमेशा की परिपाटी है और इस बार भी माईबाड़ा का गेट अखाड़े के एकदम उल्टे डायरेक्शन में होगा.
6
12
कुंभ या अर्द्धकुंभ के दौरान महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है, इसे माई बाड़ा कहा जाता है. इसे जूना अखाड़ा में मेन गेट के बिल्कुल उल्टी तरफ बनाया जाता है. ये हमेशा की परिपाटी है और इस बार भी माईबाड़ा का गेट अखाड़े के एकदम उल्टे डायरेक्शन में होगा.

हालांकि इन 'माई' या 'नागिनों' को अखाड़े के प्रमुख पदों में से किसी पद पर नहीं चुना जाता है. लेकिन उन्हें किसी खास इलाके के प्रमुख के तौर पर 'श्रीमहंत' का पद दिया जाता है. अब हम आपको बताएंगे कि इन्हें नागिन क्यों कहा जाता है. दरअसल पुरुष नागा साधुओं को नागा कहते हैं. वो शरीर पर बिल्कुल कपड़े धारण नहीं करते. केवल भस्म लपेटकर रखते हैं. महिला नागा साधुओं को स्त्रीलिंग में नागिन कहते हैं. इसका अर्थ नकारात्मक तौर पर कतई नहीं होता और ना इसका मतलब सर्प प्रजाति की नागिन के तौर पर होता है. लेकिन ये बात सही है कि जब कोई उन्हें नागिन के तौर पर संबोधित करता है तो लोग चकरा जाते हैं.
7
12
हालांकि इन 'माई' या 'नागिनों' को अखाड़े के प्रमुख पदों में से किसी पद पर नहीं चुना जाता है. लेकिन उन्हें किसी खास इलाके के प्रमुख के तौर पर 'श्रीमहंत' का पद दिया जाता है. अब हम आपको बताएंगे कि इन्हें नागिन क्यों कहा जाता है. दरअसल पुरुष नागा साधुओं को नागा कहते हैं. वो शरीर पर बिल्कुल कपड़े धारण नहीं करते. केवल भस्म लपेटकर रखते हैं. महिला नागा साधुओं को स्त्रीलिंग में नागिन कहते हैं. इसका अर्थ नकारात्मक तौर पर कतई नहीं होता और ना इसका मतलब सर्प प्रजाति की नागिन के तौर पर होता है. लेकिन ये बात सही है कि जब कोई उन्हें नागिन के तौर पर संबोधित करता है तो लोग चकरा जाते हैं.

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]