धारा 387 दण्ड प्रक्रिया संहिता | Section 387 Crpc in Hindi - Dand Prakriya Sanhita Dhara 387

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धारा 387 दण्ड प्रक्रिया संहिता | Section 387 Crpc in Hindi - Dand Prakriya Sanhita Dhara 387

Section 387 in The Code Of Criminal Procedure, 1973
इस आर्टिकल में मै आपको “अधीनस्थ अपील न्यायालय के निर्णय | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 387 क्या है | section 387 CrPC in Hindi | Section 387 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 387 | Judgments of subordinate Appellate Court ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 387 | Section 387 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 387 in Hindi ] –
अधीनस्थ अपील न्यायालय के निर्णय–
आरंभिक अधिकारिता वाले दंड न्यायालय के निर्णय के बारे में अध्याय 27 में अन्तर्विष्ट नियम, जहां तक साध्य हो, सेशन न्यायालय या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय के अपील में दिए गए निर्णय को लागू होंगे:
परन्तु निर्णय दिया जाना सुनने के लिए अभियुक्त न तो लाया जाएगा और न उससे हाजिर होने की अपेक्षा की जाएगी जब तक कि अपील न्यायालय अन्यथा निदेश न दे।
धारा 387 CrPC
[ CrPC Sec. 387 in English ] –
“Judgments of subordinate Appellate Court ”–
The rules contained in Chapter XXVII as to the judgment of a Criminal Court of original jurisdiction shall apply, so far as may be practicable, to the judgment in appeal of a Court of Session or Chief Judicial Magistrate;
Provided that unless the Appellate Court otherwise directs, the accused shall not be brought up, or required to attend, to hear judgment delivered.
धारा 387 CrPC

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