मोतियाबिंद सर्जरी कब असफल होती है/मोतियाबिंद सर्जरी के बाद के जोखिम और उनका समाधान - Ep. 708

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मोतियाबिंद सर्जरी कब असफल होती है/मोतियाबिंद सर्जरी के बाद के जोखिम और उनका समाधान ।

मोतियाबिंद आंखों से जुड़ी एक सामान्य बीमारी है, जिसमें आँखों में मौजूद लेन्स अपनी पारदर्शिता खोने लगते हैं। इस वजह से मरीज को सबकुछ धुंधला नजर आने लगता है। अगर, शुरुआत में ही इस बीमारी के लक्षणों पर ध्यान दिया जाए तो इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे में चश्मे में बदलाव करके और कुछ दवाइयों के सहारे भी इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन, अगर समस्या ज्यादा बढ़ गई है तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है। आज के समय में तकनीति विकास के चलते 'मोतियाबिंद' का ऑपरेशन करवाना काफी आसान हो गया है।

मोतियाबिंद के लिए कोई चिकित्सा या गैर-सर्जिकल उपचार उपलब्ध नहीं हैं। मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए लेजर सर्जरी एकमात्र प्रभावी उपचार पद्धति है जिसमें प्राकृतिक लेंस को हटाने और आंख में एक कृत्रिम लेंस को प्रत्यारोपित करना शामिल है।

इसलिए आपको जल्द से जल्द मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने पर विचार करना चाहिए। आम तौर पर, यह आपको तय करना है कि सर्जरी कब करवाना है। ज्यादातर मामलों में, मोतियाबिंद को हटाने की कोई जल्दी नहीं है जब तक कि वे आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करना शुरू न कर दें। हालांकि, अगर आपको मधुमेह, उच्च रक्तचाप या मोटापे जैसी स्थितियां हैं, तो संभावना है कि आपका मोतियाबिंद तेजी से बढ़ेगा।

आपको पता होना चाहिए कि अगर आप मोतियाबिंद के इलाज में देरी करते हैं, तो भी सर्जरी के बाद आपकी दृष्टि में सुधार नहीं होगा। इसलिए, आप प्रक्रिया के लाभों और जोखिमों पर विचार करने के लिए समय ले सकते हैं और मोतियाबिंद कैसे प्रगति कर रहे हैं यह देखने के लिए अक्सर निदान कर सकते हैं। फिर डॉक्टर से आप सलाह लें कि आपको कब सर्जरी करवानी चाहिए और सर्जरी के बाद कुछ समय बाद ही फिर से नज़र खराब क्यों होने लगती है और उसका समाधान क्या है? और क्या पुनः आपरेशन करवाना पड़ता है।

डाक्टर अंकिता बंसल
आई स्पेशलिस्ट/फेंको सर्जन

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