Meaning of Hare Krishna Mantra by Srila Prabhupada | Explained in Hindi | What is Hare Krishna?

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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।

इस महामंत्र के कीर्तन से उत्पन्न हुई अप्राकृत प्रतिध्वनि हमारी अप्राकृत चेतना को जगाने के लिए अद्भुत कृष्णविधि है। जीवात्मा के रूप से हम सभी कृष्णभावना-स्थित है । परंतु अनादि काल से जड़ पदार्थ के सम्पर्क में रहने के कारण हमारी चेतना भौतिक वातावरण द्वारा अशुद्ध हो गई है। इस भौतिक वातावरण को ‘माया’ कहते हैं। ‘माया’ का अर्थ है ‘वो जो नहीं है’। अब हमें देखना है कि ये माया किस प्रकार की है। माया ये है कि, हम सभी भौतिक प्रकृति पर स्थापित करना चाहते हैं। चाहते हैं, जब कि वास्तव में हम सभी अपूर्व रूप से उसके कठोर नियमों की जकड़ में हैं। जब एक नौकर अपने सर्वशक्तिमान स्वामी को नकल करना चाहता है, तो यह माया का प्रभाव है।इस भौतिक प्रकृति के भंडार का उपयोग करने के लिए सतत समशील है।

परंतु वास्तव में हम उसकी जटिलता में अधिक से अधिक आबद्ध होते चले जा रहे हैं। कृष्णभावना मस्तिष्क पर बनावटी दबाव नहीं है। ये चेतनता, ये भावना जीवात्मा की स्वाभाविक प्रारम्भिक शक्ति है। जब इस मंत्र के कीर्तन से उत्पन्न अप्राकृत प्रतिध्वनि को सुनते हैं, तो हमारी ये चेतनता सुप्तावस्था छोड़ कर जगती है। कलियुग के लिए ध्यान.. ध्यान की ये सरलतम विधि है, फलदायक मानी गई है। अपने व्यक्तिगत अनुभव से भी कोई जान सकता है कि महामंत्र के कीर्तन से आध्यात्मिक स्तर से आती हुई अप्राकृत भावनामृत की अनुभूति होती है। आरम्भ में सभी प्रकार की अप्राकृत भावनामृत की स्थिति नहीं हो सकती है।

भगवान के शब्द शुद्ध भक्त द्वारा गाया..भगवान के शब्द शुद्ध भक्त द्वारा गाया..जाता है तो सुनने वाले पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है। अतः तात्कालिक परिणाम के लिए इसे प्रभु के पवित्र भक्तों से सुनना चाहिए। जो भगवान के भक्त नहीं है, उनके मुंह से कीर्तन नहीं सुनना चाहिए। दूध जैसे जहरीले सर्प छु दिया है तो विषैला हो जाता है।शब्द ‘हरा’ द्वारा प्रभु की शक्ति को सम्बोधित किया जाता है। ‘कृष्ण’ एवं ‘राम’ शब्दों से स्वयं ‘प्रभु’ को सम्बोधित किया जाता है, ‘कृष्ण’ एवं ‘राम’ परमानंद हैं और ‘हरा’ प्रभु की परम आनंदमय शक्ति है, प्रभु की ये आनंदमय शक्ति हमें उनके पास ले जाने में सहायक होती है। भौतिक शक्ति माया भी प्रभु की विविध शक्ति में से एक है।हम जीव धारी भी प्रभु की तटस्था शक्ति हैं। जीवात्मा भौतिक शक्ति से विशिष्ट होते हैं।

परा शक्ति का अपरा शक्ति से सम्पर्क निरुद्ध परिस्थिति उत्पन्न करता है। परन्तु परा शक्ति का तथा तटस्था शक्ति का संजोग प्रसन्नता पूर्ण सामान्य परिस्थिति उत्पन्न करता है। हरा, कृष्ण संग राम, ये तीन शब्द महामंत्र के अप्राकृत बीज-मंत्र हैं। कीर्तन, प्रभु तथा उनकी शक्ति और बद्ध आत्मा की हरा, कृष्णा एवं राम ये तीन शब्द महामंत्र के अप्राकृत बीज-मंत्र है। कीर्तन, प्रभु तथा उनकी शक्ति को बद्ध आत्मा की रक्षा करने के लिए एक आध्यात्मिक पुकार है। कीर्तन उस बच्चे को रुदन जैसा है, जो अपनी माँ की उपस्थिति चाहता है। माता हर भक्तों को पिता भगवान के पास ले जाती है और तब प्रभु श्रद्धा एवं विश्वास के साथ कीर्तन करने वाले भक्त को सम्मुख स्वयं उपस्थित होते हैं।

Hare Krishna Mandir is dedicated to the service of Sri Sri Radha Madhav. Inspired by the teachings of His Divine Grace A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada, the temple was inaugurated in 2015.

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