DR MEENAL MATEGAONKAR SINGING BAGESHRI ANG CHANDRAKAUNS, KIRWANI &JOG KAUNS CURATED BY MIHIR THAKORE

Описание к видео DR MEENAL MATEGAONKAR SINGING BAGESHRI ANG CHANDRAKAUNS, KIRWANI &JOG KAUNS CURATED BY MIHIR THAKORE

ACCOMPANISTS-TABLA: ABHAYA DATAR
HARMONIUM: ANANT JOSHI
TANPURA: PRATIKSHA VASHISHTHA & MAAHI ZAVERI
AUDIO RECORDING & MIXING: AMOL MATEGAONKAR
VIDEO RECORDING & COLOUR GRADING: KANAN REDDY
VIDEO EDITING: AMOL MATEGAONKAR
RECORDED AT NADBRAHMA THANE

LYRICS:

राग बागेश्री अंग का चंद्रकौंस

ताल - एकताल विलंबित

तुम बिन नाही कोऊ या जग में उपकारी मो पर ।।

हूं तो अधम बहुबिध मूढमत । दुःख हरो सुघर ।।

ताल - तीन ताल

सखी नैनन नींद हैरानी । जब ते देखी सपने मुरत । तन मन सो खोरानी।।

इत उत जावत मन मोरा सजनी ।हेरत हेरत मन पछतानी । ना बीतत है सुघर रजनी ।।



राग किरवानी

ताल - रूपक

नंद नंदन मन मोहन । श्यामसुंदर मधुसूदन ।।

नील बदन ।नील बसन । नील मुकुट नील माल ।

श्यामसुंदर मधुसूदन ।।

ताल - तीनताल

अब तो भई भोर जागो मोरे लाल । आये महल ब्रज के नर नारी।

गावत गुन तुम्हरो गोपाल लाल ।।

सब ग्वाल बाल दरस को अधीर । देख मुखचंद्र नंद के लाल ।

गले हार तिलक लगावो भाल ।।


राग जोगकौन्स

ताल -एकताल द्रुत

पैंजनीया बाजे झनन झनन। कैसे आऊ तोरे पास ।।

बन ठन बनी निकसी मंदर । पियु बिन तरपत तन मन ।

सब सखियां करत गान । बनी के भाग जागे ।।

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