जब पुण्य उदय होते तभी मिलते हैं संतों के दर्शन: बागेश्वर महाराजश्रीमद् भागवत महापुराण महोत्सव में

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जब पुण्य उदय होते तभी मिलते हैं संतों के दर्शन: बागेश्वर महाराज
श्रीमद् भागवत महापुराण महोत्सव में शामिल हुए महाराज श्री
छतरपुर। शहर के नौगांव रोड में गैस गोदाम के पास 6 दिसंबर से 13 दिसंबर तक श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन हो रहा है। कथा के छठवें दिन बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महोत्सव में शामिल होने पहुंचे। महाराज श्री ने कहा कि जब हमारे जीवन के पुण्य उदय होते हैं तभी संतों के दर्शन और संतों का सत्संग प्राप्त होता है। ईश्वर की कृपा से गंधी परिवार के पुण्य उदय हुए तभी उन्हें कथा श्रवण करने का लाभ मिल रहा है। महाराज श्री ने सभी कथा प्रेमियों को गीता जयंती की शुभकामनाएं दी।
श्रीमद् भागवत महापुराण महोत्सव में बीते रोज शामिल हुए बागेश्वर महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा में भगवान के साथ भक्तों के चित्रों का वर्णन किया गया है जो कथा भक्तों की महिमा का बखान करे उससे श्रेष्ठ कोई कथा नहीं होती। उन्होंने कहा कि पुराण हमें संदेश देते हैं कि यदि हम ईश्वर को जीवन समर्पित कर कार्य करेंगे तो हम ईश्वर के धाम को प्राप्त होंगे। महाराज श्री ने गोस्वामी तुलसीदास जी की एक चौपाई से बात शुरू करते हुए कहा कि जब हम चलकर संत के पास जाएंगे तो यह समझें कि हमारे पुण्य उदय हुए हैं और यदि संत चलकर हमारे पास आते हैं तो इसका तात्पर्य है कि भगवान की कृपा हुई है। श्रीमद् भागवत महापुराण साक्षात ठाकुर जी का स्वरूप है। उन्होंने कथा के दौरान 116 वर्ष जीवन पूर्ण कर ब्रह्मलीन हुए खरगोन के महान संत श्री सियाराम बाबा के बारे में चर्चा की। उल्लेखनीय है कि जाने-माने व्यवसायी हरगोविंद गंधी की ओर से श्रीमद् भागवत महापुराण आयोजित कराया जा रहा है। कथा व्यास के रूप में श्री धाम वृंदावन से पधारे रोहित रिछारिया कथा श्रवण करा रहे हैं । इस अवसर पर बड़ी संख्या में बागेश्वर धाम शिष्य मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।

छतरपुर से राहुल पटेरिया की रिपोर्ट

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