Samta thi dard sahu || Hiral Shah ||Pravin Desai || Manan Shah

Описание к видео Samta thi dard sahu || Hiral Shah ||Pravin Desai || Manan Shah

प्रभु आज ऐक भक्त आपके चरनों में प्रार्थना कर रहा है...
चाहे जिंदगी में कीतनी भी मुश्किलें आऐ‌, दर्द बहोत भारी आऐ, रिश्तों में नमी आऐ, पैसो की कमी आऐ पर मुजे ऐसी शक्ति देना में हार के भयभीत न बनुं..
पूरी श्रध्दा, समर्पण और संयम भाव से हर परिस्थितियों का डटकर सामना करुं ... तेरा नाम स्मरण संजीवनी समान औषधि बनकर मेरी हिंमत और शक्ति को हंमेशा जिंदा रखे...

Lyrics : Pravin Desai (आतम झंखे छुटकारो )
Singer: Hiral Shah
Music: Manan Shah
Violin: Mahendra Patel
Video: Samarth Shah


श्री प्रविण भाइ देसाई रचित सुंदर गानो की अद्धभुत पुस्तिका
" આતમ ઝંખે છુટકારો " से चुनिंदा गानो की एक श्रृंखला audio visual के माध्यम से आप सब के लिए प्रस्तुत करने का प्रयास करने जा रही हुं।
आशा है आप सब कवि के शब्द और भावना की गहराई को महेसूस कर आत्मिक आनंद और शांति प्राप्त करे।

समता थी दर्द सहुं , प्रभु! एवुं बल देजो,
मारी विनति मानीने , मने आटलुं फल देजो.

कोई भव मां बांधेला, मारा कर्मों जाग्या छे,
कायाना दर्द रूपे, मने पीडवा लाग्या छे,
आ ज्ञान रहे ताजुं, एवुं सिंचन जल देजो,
समता थी दर्द सहुं , प्रभु एवुं बल देजो.

दर्दो नी आ पीड़ा, रोवाथी मटशे नहीं,
कल्पांत करुं तो पण, आ दु:ख तो घटशे नहीं,
दुर्ध्यान नथी करवुं, एवुं निश्चय बल देजो,
समता थी दर्द सहुं , प्रभु एवुं बल देजो.

छोने आ दर्द वधे, हुं मोत नही मागुं,
वली छेल्ला श्र्वास सुधी, हुं धर्म नहीं त्यागुं,
रहे भाव समाधि नो, एवी अंतिम पल देजो,
समता थी दर्द सहुं, प्रभु ऐवुं बल देजो.



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