Desh Deshantar: संविधान और महिला सशक्तिकरण | Constitution: Women's Empowerment

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आजाद भारत के इतिहास में 26 नवंबर की तारीख की बेहद खास है... दरअसल यही वो दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी। इस वजह से हम और आप इस दिन को 'संविधान दिवस' के तौर पर जानते है ... आज संविधान के 70 बरस पूरे हो चुके है। यूं तो संविधान ने हमारे जीवन के समाजिक, आर्थिक और सास्कृतिक हर पहलू पर अमिट छाप छोड़ी है लेकिन अगर बात महिलाओं की हो तो उनके दर्जे और स्थिति को और सुदृढ़ बनाने में संविधान की भूमिका बेहद अहम रही है । समय-समय पर संविधान में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने के लिए संशोधन किए जाते रहे जिसका मुख्य कारण रहा भारतीय पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं के साथ लैंगिक आधार पर भेदभाव... वही दूसरी ओर परम्पराओ, रीति-रिवाजो और मान्यताओ के चलते भी उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा नहीं मिल पाया ..संविधान ने न सिर्फ इसे पूरी तरह खत्म करने का काम किया बल्कि अधिकारों को सुनिश्चित करने के साथ उनका क्रियान्वयन भी किया। और ये सिलसिला साल दर साल जारी है..तो संविधान के इन 70 वर्षो में महिलाओं के लिये क्या कुछ खास रहा और कैसे महिलाओं की स्थिति में बदलाव आया.

Anchor: Ghanshyam Upadhyay
Producer: Sagheer Ahmad

Guest Name- Dr. Alok Sharma, Assistant Professor, Faculty of Law, DU

Aishwarya Bhati, Advocate, Supreme Court

Aditi Tandon, Special Correspondent, The Tribune

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