DIABETES के पेशेंट ये टेस्ट जरूर कराये। #diabetes #prediabetes #bloodtests #hba1c #urine #polyurea
@drshraddhanikam45
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Namaskar! मैं डॉ. श्रद्धा निकम, आज हम बात करने वाले हैं “डायबिटीज के लिए किए जाने वाले मुख्य ब्लड टेस्ट्स” के बारे में — कौन से टेस्ट करवाने चाहिए, कब करवाने चाहिए, और उनके रिज़ल्ट का क्या मतलब होता है।
अगर आप या आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो ये वीडियो आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
तो चलिए शुरू करते हैं।
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🩸 *1. Fasting Plasma Glucose Test (FPG)*
सबसे पहला और सबसे जरूरी टेस्ट है *Fasting Blood Sugar* या **FPG**।
ये टेस्ट सुबह खाली पेट, यानी 8 से 10 घंटे बिना खाए करवाया जाता है।
अगर आपकी रिपोर्ट में **ब्लड शुगर 100 mg/dL से कम है**, तो ये नॉर्मल है।
*100 से 125 mg/dL* के बीच आने पर ये Pre-diabetes कहलाता है,
और *126 mg/dL या उससे ज़्यादा* आने पर Diabetes का संकेत माना जाता है।
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🍚 *2. Postprandial Glucose Test / OGTT*
दूसरा है *Postprandial Blood Sugar Test* या **Oral Glucose Tolerance Test (OGTT)**।
इसमें मीठा ग्लूकोज घोल पिलाया जाता है और *2 घंटे बाद* ब्लड शुगर मापा जाता है।
अगर *140 mg/dL से कम* है तो नॉर्मल,
*140 से 199 mg/dL* प्रीडायबिटीज,
और *200 mg/dL या उससे ज़्यादा* डायबिटीज को दर्शाता है।
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🕒 *3. Random Blood Sugar (RBS)*
कभी-कभी हम अचानक टेस्ट करवाते हैं — इसे कहते हैं **Random Blood Sugar**।
अगर किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर *200 mg/dL से ज़्यादा* आता है और डायबिटीज के लक्षण जैसे ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना या वजन कम होना मौजूद हैं — तो ये डायबिटीज की पुष्टि करता है।
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📆 *4. HbA1c – Glycated Hemoglobin*
अब बात करते हैं एक बहुत जरूरी टेस्ट की — **HbA1c**।
ये टेस्ट पिछले *2 से 3 महीनों का औसत शुगर लेवल* बताता है।
अगर HbA1c *5.7% से कम* है तो सब ठीक है,
*5.7 से 6.4%* प्रीडायबिटीज,
और *6.5% या उससे अधिक* डायबिटीज की पुष्टि करता है।
इससे हम पता लगा सकते हैं कि मरीज की शुगर लंबे समय में कितनी कंट्रोल में है।
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🍚 *5. OGTT – Oral Glucose Tolerance Test (ग्लूकोज़ सहनशीलता परीक्षण)*
यह टेस्ट शरीर की शुगर संभालने की क्षमता को मापता है।
सबसे पहले फास्टिंग शुगर ली जाती है, फिर मरीज को *75 ग्राम ग्लूकोज़ का घोल* पिलाया जाता है,
और *2 घंटे बाद* दोबारा ब्लड शुगर मापी जाती है।
अगर *140 mg/dL से कम* है तो नॉर्मल,
*140 से 199 mg/dL* है तो *प्री-डायबिटीज*,
और *200 mg/dL या उससे ज़्यादा* डायबिटीज को दर्शाता है।
यह टेस्ट खासतौर पर प्रेगनेंसी में डायबिटीज जांचने के लिए भी किया जाता है।
💉 *6. Fasting Insulin & HOMA-IR*
ये दोनों टेस्ट *इंसुलिन रेजिस्टेंस* यानी शरीर में इंसुलिन की कार्यक्षमता को मापते हैं।
अगर *HOMA-IR वैल्यू 2.5 से ज़्यादा* आती है, तो इसका मतलब शरीर इंसुलिन को सही से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा — यानी इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ रहा है।
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🔍 *7. C-Peptide Test*
C-Peptide टेस्ट से हमें पता चलता है कि शरीर में खुद का इंसुलिन बन रहा है या नहीं।
अगर ये वैल्यू बहुत कम है, तो इसका मतलब है *Type 1 Diabetes*,
और अगर नॉर्मल या बढ़ी हुई है, तो Type 2 Diabetes की संभावना होती है।
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🚽 *8. Urine Tests*
डायबिटीज में दो तरह के यूरिन टेस्ट महत्वपूर्ण हैं —
पहला, **Urine Sugar Test**, जिसमें अगर शुगर पॉज़िटिव आती है तो ये हाई ब्लड शुगर का संकेत है।
दूसरा, **Urine Microalbumin Test**, जो किडनी के शुरुआती नुकसान को दर्शाता है।
अगर रिपोर्ट में *30 mg/g से ज़्यादा वैल्यू* आती है, तो ये किडनी को प्रभावित होने का संकेत देती है।
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🍎 *9. Liver Function Test (LFT) – लीवर की जांच*
डायबिटीज का असर लीवर पर भी पड़ सकता है।
*LFT* में *SGOT, SGPT, Bilirubin, Alkaline Phosphatase* आदि जाँचे जाते हैं।
अगर ये एंज़ाइम बढ़े हुए मिलते हैं, तो इसका मतलब है कि शुगर कंट्रोल कमजोर है और लीवर पर असर हो रहा है।
🧠 *10. Renal Profile Test – किडनी की जांच*
डायबिटीज में किडनी पर असर सबसे पहले पड़ता है।
इसलिए *Renal Profile Test* बहुत जरूरी है।
इसमें *Serum Creatinine, Blood Urea, Uric Acid और Electrolytes* की जांच की जाती है।
अगर इनकी वैल्यू बढ़ी हुई है, तो यह किडनी डैमेज का शुरुआती संकेत हो सकता है।
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🦋 *11. Thyroid Profile – थायरॉइड की जांच*
थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन भी डायबिटीज को प्रभावित करता है।
इसलिए *T3, T4, और TSH* टेस्ट करवाना जरूरी है।
अगर थायरॉइड असंतुलित है तो ब्लड शुगर को नियंत्रित करना और मुश्किल हो जाता है।
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❤️ *12. HS-CRP Test – सूजन और हृदय जोखिम*
HS-CRP यानी *High Sensitivity C-Reactive Protein* एक ऐसा टेस्ट है जो शरीर में सूजन (Inflammation) की मात्रा बताता है।
अगर ये बढ़ा हुआ है, तो डायबिटीज के साथ हृदय रोग (Heart Disease) का खतरा भी बढ़ सकता है।
इसलिए यह टेस्ट डायबिटीज मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्कर है।
🧠 *अंत में कुछ जरूरी बातें*
तो दोस्तों, डायबिटीज का सही निदान सिर्फ एक टेस्ट से नहीं, बल्कि इन सभी जांचों के संयोजन से होता है।
👉 हर 3 महीने में **HbA1c टेस्ट**,
👉 नियमित ब्लड टेस्ट करवाना
👉 संतुलित आहार लेना
👉 और डॉक्टर की सलाह पर इलाज करना
— यही डायबिटीज से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
इनसे आप डायबिटीज को न केवल पहचान सकते हैं, बल्कि उसके नुकसान को समय रहते रोक भी सकते हैं।
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धन्यवाद, स्वस्थ रहें और खुश रहें! 🙏
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