हरिशंकर परसाई की भीतरी दुनिया : मुक्ति‍बोध जब कविता पाठ करते हुए पसीने से लथपथ अंतिम भाग

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हरिशंकर परसाई की भीतरी दुनिया के अंतिम भाग के इस वीडियो में परसाई के भांजे प्रकाश दुबे ने कुछ रोचक खुलासे किए। उन्होंने बताया कि परसाई अत्यंत कम भोजन करते थे लेकिन उनको रसगुल्ला पसंद था। परसाई जबलपुर के आनंद भंडार में दोस्तों के साथ जाकर रसगुल्ला खाते थे। उनको दही भी पसंद था।
मुक्ति‍बोध कई बार अपने परिवार के साथ जबलपुर में हरिशंकर परसाई के घर आते रहते थे। मुक्त‍िबोध ने एक बार जबलपुर प्रवास के दौरान परसाई के घर में अपनी कविता 'अंधेरे में' का पाठ किया था। लम्बी कविता का पाठ करते हुए उत्तेजना में मुक्त‍िबोध पसीने से लथपथ हो गए थे।
वी‍डियो में परसाई की तीनों बहिनों का जिक्र हुआ है। परसाई की बहिन सीता देवी दुबे अपने भाई की बहुत फिक्र किया करती थीं। खासतौर से उनके खानपान का। परसाई शृंखला के अंतिम भाग में हरिशंकर परसाई के अनन्य सहयोगी व उनके छोटे भाई की तरह डा. रामशंकर मिश्रा की पुत्री डा. विपाशा मिश्रा ने मार्मिक यादों को साझा किया है।
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