पत्रिका के चतुर्थ भाव में राहु का फल- आचार्य वासुदेव

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कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी चन्द्रमा ग्रह है और इसके कारक ग्रह चन्द्रमा और शुक्रदेव ग्रह है, चतुर्थ भाव को विष्णु स्थान और केंद्र स्थान भी कहा जाता है, चतुर्थ भाव कुंडली में सरंक्षक का काम करता है यह आपके परिवार और माता का भी प्रतिनिधित्व करता है/ चतुर्थ भाव में राहु ग्रह आपको मानसिक अशांति देता है किन्तु केंद्र स्थानों में राहु-केतु योगकारक भी बन जातें है. राहु ग्रह की अधिक जानकरी के लिए संपर्क करें-

आचार्य वासुदेव
ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विचारक
फोन नंबर -9560208439, 9870146909
ईमेल- [email protected]

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