तो दोस्तों, एक बार फिर पेश हैं हम यानी Music HunterZ और C Folk की ओर से पारंपरिक पहाड़ी गानों के अडिग स्तम्भ #चिराग_ज्योति_मजटा की लाजवाब प्रस्तुति दुंदी म़िरज़ु लेकर ! आइये सबसे पहले जानते हैं इस गीत से जुड़े तथ्यों और जानकारियों को चिराग की ज़ुबानी-
हालांकि, मैं पहले भी दुन्दी शीर्षक के एक ही गाने के दो संस्करण पेश कर चुका हूँ जिसपर आप शायद जमकर झूमे होंगे, यहाँ बता दिए देता हूँ कि वो दूँदी मेरे मामा के गाँव जुब्बल के काईना की थी और ये दूँदी रोहरू के नावर की और उस दूँदी से अल्हैदा है !
तो, बात है लगभग एक शताब्दी पुरानी ! असल में यह प्रेम गाथा आधारित है अंतर जातीय- अतिरिक्त वैवाहिक संबंधों (Inter caste-extra marital affair) पर ! रोहरू का रियासतकालीन समय में बुशहर रियासत का मुख्य व्यापार केंद्र था नावर, या कहूँ नावर का टिक्कर ! जो रोहरू से पश्चिम की ओर मेरे गाँव करासा की मेहंद्ली से पुजारली चार होते हुए कोटखाई की बाघी तक फैला हुआ है ! नावर के मुख्य गाँव ठाणा क्शैणि, खलावन (क्लाउण/क्लाओण), पुजार्ली चार, सैयौ, मंढारली, टिक्करी, सज़ार, फ़रोग, हंस्टाड़ी, पुजारली तीन, ख़लाई, बद्शाल, नक्सेटली, गाढ़ोट, दरोटी, सामरा, बटाड़ा, फ्रीऊँ कोटी, शेखल, खांगटा, कुठाड़ी, खल्गर, घासणी, शरौंथा, नरैण, गजैंदली, धनोटी, कड़ीउण, झग्टेर्ली, खार्ला इत्यादि हैं ! अगर खानदानों के इतिहास की बात करें तो नावर शायद रियासतकालीन रोहरू का सबसे ऐतिहासिक परगना रहा है ! नावर को ‘ची गोड़ी/गड़ी/गौड़ी’(तीन गढ़) भी कहा जाता है क्यूंकि यहाँ के तीन भ्रातृत्व भाव रखने वाले इनके प्रमुख देवता साहिब गोली नाग, रुदड़ व् नरैणु जी साझे तौर पर अपने इलाकों का रख-रखाव किया करते थे तथा अभी भी परस्पर संबंध रखते हैं !
खैर, कड़ीवन या कड़ीउण गाँव के राज-हल्मंदी (दरबान या उद्घोषक जो उस समय में रियासत या देवता अथवा ख़ुशी-गमी की खबरें ज़ोर-ज़ोर से अपने इलाके में सुनाया करते थे) रोल्ला की एक बेहद खूबसूरत बेटी थी , दूँदी ! दूँदी का विवाह पुजार्ली नंबर चार के निकट टिक्करी गाँव के ज़ाथू नामक युवक से हुआ था (जनश्रुति और मेरी कड़ी मेहनत व अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि ज़ाथू ही इस गीत के रचयिता भी थे)! विवाह हुए कुछ ही समय हुआ था कि दूँदी को ख़लाई गाँव के निकट घेउटा गाँव के पहले से ही शादीशुदा युवक मूंडा नामक व्यक्ति के पुत्र मीर्ज़ू से प्यार हो गया ! ये दोनों दीवाने अलग-अलग जात के थे किन्तु फिर भी दोनों प्यार में इतने पागल हो चले थे कि क्या जात क्या पात, क्या समाज के नियम कायदे क्या रीती-रिवाज, सब इस प्यार के आगे नतमस्तक थे ! हालांकि मिरजु की वजह से दुन्दी और ज़ाथू की शादी भी टूट गई थी और दूँदी की दूसरी शादी जबरन कोटखाई की बाघी के हढ़ैल़ा या ढ़ैला के पोशु नामक व्यक्ति से करवा दी गई, इस डर से कि दुंदी कहीं मिर्ज़ु से शादी ना कर ले और समाज में थू-थू हो जाए किन्तु फिर भी दुन्दी की पोशु से शादी होने के बावजूद दुन्दी मिर्ज़ु का प्यार और ज़्यादा परवान चढ़ता रहा ! हालाँकि तमाम बंदिशों को दरकिनार करते हुए दुंदी मिर्जु एक दुसरे के प्रेम में दीवाने होते गए..................... और उनकी यह #अमर_प्रेम_कथा एक अधूरी प्रेम गाथा बन................ इस गीत की पूरी कहानी पढ़ने-जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – / 3404480832897428
Credits-
𝅘𝅥𝅯 Song- DUNDI-MIRZU (Ek Adhoori Prem Gatha)
𝅘𝅥𝅯 Singer- Chiraag Jyoti Majta(9816219565)
𝅘𝅥𝅯 Source- Traditional
𝅘𝅥𝅯 Music- Rajeev Negi (0916102127)
𝅘𝅥𝅯 Video & Editing- Sunny Shandil (9816448702)
𝅘𝅥𝅯 Drone- Arun Geshta
𝅘𝅥𝅯 Accredits- Jerry Bharmouri(Shayri), Laabh Singh(Bansuri) and Suraj Mani(Shehnai)
𝄞 Record Labels- Music HunterZ, C Folk & Sargam Records Shimla
𝄞 Websites- www.cfolk.in & www.musichunterz.net
Benediction- Bua Ji, Krishan Dev Maltu, Yash Chandel, Anoop Bhawta, Ravi Dutt Sharma and all Gwas folks.
In association with- Tharta Auto Care Rohru & Hotel Park View Rohru.
A ‘MUSIC HUNTERZ’ & ‘C FOLK’ collaboration.
Copy & publishing rights reserved with Music HunterZ and C Folk u/a of 1957.
हमारी इस प्रस्तुति को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें ताकि हमारी संस्कृति अमर हो सके ! जानकारी देते हैं कि इस गीत का ऑडियो जल्द ही चिराग की निजी वेबसाइट www.cfolk.in पर और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मियुज़िकल स्टोर्स पर डाउनलोड्स के लिए उपलब्ध करवा दिया जायेगा ! एक बार फिर हमारी पूरी टीम की ओर से आप सभी का धन्यवाद !
Disclaimer- This song is only subjected to entertainment. All contents sung in the song are entirely based upon the local lores sung, heard and told by the elderly folks. However, every measure as precaution has been taken to not to hurt anybody’s feelings and still the copying and publishing rights are vested with the owners i.e. Music HunterZ and Adv. Chirag Jyoti u/a of 1957.
Thank you.
Thank you Nanu Amma.
JAI SAEHDEV PANDAV JI MAHARAAJ KARASA.
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