पहाड़ों मे पाई जाने वाली जडी बूटीया।

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पहाड़ों मे पाई जाने वाली जडी बूटीया।
हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों के जंगलों में पाई जाने वाली बेशकीमती जड़ी बूटियां अब औने-पौने दामों पर नहीं बिकेगी। पहली बार जड़ी बूटियों को केंद्रीय सूची में शामिल किया जाएगा। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने हाल ही में राज्य वन विभाग को पत्र लिखकर यहां पर पाई जाने वाली बेशकीमती जड़ी बूटियों की सूची मांगी थी। हिमाचल ने जंगली लहसुन, सालम पंजा, पतीश, नाग छतरी, कुटकी व कुडी प्रजाति को केंद्रीय सूची में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वन तरुण कपूर ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ने जड़ी बूटियों की सूची को रिव्यू किया। इसमें सामने आया कि हिमाचल की कोई भी जड़ी बूटी केंद्रीय सूची में शामिल ही नहीं है। हिमाचल ने केंद्र को 5 जड़ी बूटियों की सूची भेजकर इन्हें केंद्रीय सूची में शामिल करने की मांग उठाई है। केंद्र इसके एवज में जो पैसा देगा उसे इन्हें सहेजने पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य की वनस्पति धरोहर में 1038 प्रजाति समूह और लगभग 3400 प्रजातियां शामिल हैं। बहुत सी प्रजातियां तो लुप्त होने की कगार पर हैं।

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