IMAAN NEWS
3rd November 2025
नाइंसाफ़ी की आग में जल रहा मुल्क – सूडान!
SUDAN facing Genocide and severe Socio-Political Crisis
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“बात ईमान की…
बात इंसान की।”
आज हम बात करेंगे एक ऐसे मुल्क की, जो सदियों से अफ़्रीक़ा की शान रहा है, लेकिन आज ज़ुल्म और नाइंसाफ़ी की आग में जल रहा है। यह मुल्क है – सूडान!
सोचिए, एक ज़माना था जब सूडान को "दुनिया की ग़िज़ाई टोकरी" कहा जाता था। इसकी सरज़मीन इतनी ज़र्खेज़ थी कि दुनिया को ग़िज़ा फ़राहम करती थी। लेकिन आज? वही सूडान भूख से बिलबिला रहा है। वही सूडान जहाँ के मासूम मुसलमान भाई बेक़ुसूर मारे जा रहे हैं, ज़बह हो रहे हैं, और दुनिया ख़ामोश तमाशा देख रही है।
ये सिर्फ़ एक दुख भरी कहानी नहीं, बल्कि एक अज़ीम साज़िश की दास्तान है। सूडान, जो क़ुदरती दौलत से मालामाल है, आज उसी दौलत की वजह से बर्बादी की दहलीज़ पर है।
सूडान दुनिया के बड़े सोना पैदा करने वाले मुल्कों में से एक है। इसके पास 1550 टन सोने का अनुमानित भंडार है और ये अफ़्रीक़ा में तीसरा सबसे बड़ा सोना उत्पादक है, सालाना 93 टन सोना निकालता है।
सिर्फ सोना ही नहीं, सूडान में 1.4 मिलियन टन यूरेनियम का भी विशाल भंडार मौजूद है, जिस पर दुनिया की बड़ी ताक़तों की नज़र है।
सूडान के पास 200 मिलियन एकड़ खेती योग्य ज़मीन है, लेकिन अफ़सोस, फ़िलहाल सिर्फ़ 64 मिलियन एकड़ पर ही खेती होती है, और दुनिया में छठी सबसे बड़ी पशुधन संपत्ति, 13 करोड़ से ज़्यादा जानवर यहाँ मौजूद हैं।
दुनिया भर के Arabic Gum का 80% सूडान पैदा करता है। ये गोंद 180 से ज़्यादा इंडस्ट्रीज़ – जैसे दवाइयां, खाने-पीने की चीज़ें – में इस्तेमाल होता है।
सूडान के पास तेल और गैस के भी बड़े ज़ख़ीरे हैं, जो उसकी माली अहमियत को और बढ़ा देते हैं।
जिस मुल्क के पास अल्लाह ने इतनी बेशुमार नेमतें अता फ़रमाई हैं, वो आज इतनी शिद्दत से ग़ुरबत और फ़ाक़ामस्ती का शिकार क्यों है? जवाब सीधा और साफ़ है: ये तमाम दौलत, ये क़ुदरती वसाएल, शैतानी ताक़तों की लालच का सबब बन चुके हैं!
ये जंग जो सूडान में फ़ौज (SAF) और अर्द्धसैनिक बल (RSF) के बीच हो रही है, इसे बाहर से हवा दी जा रही है। ये सिर्फ़ अंदरूनी ख़ानाजंगी नहीं, बल्कि Geo-Political साज़िशों का एक गहरा जाल है।
इस्राइल का हमेशा से मकसद रहा है कि मुस्लिम मुल्कों को कमज़ोर किया जाए। सूडान की अज़ीम इस्लामी तारीख, उसकी ज़र्खेज़ ज़मीनें और उसके बेशुमार क़ुदरती वसाएल हमेशा से उनकी आँखों में खटकते रहे हैं। सूडान के क़ुदरती ख़ज़ानों पर क़ब्ज़ा करना और अफ़्रीक़ा में अपना असर-ओ-रसूख़ बढ़ाना ज़ायोनी ताक़तों का एक अहम मकसद है।
यहाँ एक और अहम किरदार उभर कर सामने आता है – संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई। सूडान की सरकारी रिपोर्टों और आलमी तहक़ीक़ात Global Investigations से ये बात सामने आई है कि यूएई, तेज़ कार्रवाई सेना (RSF) को हथियार, फ़ंडिंग और लॉजिस्टिक्स की मदद फ़राहम कर रहा है।
यूएई इन इल्ज़ामों से इंकार करता है, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि सूडान का ज़्यादातर सोना RSF के इल्मी सहयोग से यूएई के रास्ते से तस्करी किया जाता है। यूएई का मक़सद RSF की मदद से सूडान की सोने की खानों पर सीधा क़ब्ज़ा करना है। ये एक इस्लामी मुल्क के ख़िलाफ़ उसी के मुस्लिम भाई की एक शर्मनाक साज़िश है। यह तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे "घर का भेदी लंका ढाए।"
ये जानकर और भी दुख होता है कि सूडान के अरबी गोंद का भी 70% हिस्सा हर साल मुकामी और विदेशी कंपनियों द्वारा तस्करी या क़ब्ज़े में ले लिया जाता है। ये गोंद 180 से ज़्यादा इंडस्ट्रीज़ में इस्तेमाल होता है, लेकिन इसका फ़ायदा सूडानी क़ौम को नहीं मिल रहा। इसी तरह सूडान दुनिया के सफेद तिल का 39% और लाल तिल का 23% पैदा करता है, लेकिन इन सब पर भी शैतानी ताक़तें क़ब्ज़ा जमाने की फ़िराक़ में हैं।
इन तमाम ज़ुल्म और साज़िशों के बावजूद, हम मुसलमानों का अक़ीदा और हमारी तहज़ीबी विरासत हमें क्या सिखाती है?
मुसलमान होने के नाते, हमारा अक़ीदा हमें सिखाता है कि आज़माइश और मुसीबत की घड़ियाँ भी सब्र और ईमानदारी का इम्तिहान होती हैं। सूडानी मुसलमान सदियों से अपनी ख़ुलूस और मेहनत के लिए जाने जाते हैं। यही ईमान और सब्र उन्हें टूटने नहीं देगा।
सूडान सिर्फ़ माद्दी दौलत नहीं रखता, बल्कि उसकी इस्लामी और क़दीम तहज़ीबी विरासत भी बेमिसाल है। इस विरासत को बचाए रखना हर सूडानी का फ़र्ज़ है। हमें अपनी आवाज़ बुलंद करनी होगी, सोशल मीडिया पर इस ज़ुल्म के ख़िलाफ़ लिखना होगा, और दुआ करनी होगी। हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वह सूडान के हक़ में खड़ा हो।
इंशाअल्लाह, यह तारीख़ी ज़ुल्म जल्द ख़त्म होगा और सूडान फिर से अपने क़ुदरती ख़ज़ानों का मालिक बनेगा, और अफ़्रीक़ा में इज़्ज़त और ख़ुशहाली का परचम लहराएगा।
आपकी ईमानदारी और ख़ुलूस ही आपकी सबसे बड़ी ताक़त है। आइए, सब मिलकर सूडान के लिए दुआ करें और आवाज़ उठाएं।
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Sayed Asif Jah, a Bold Voice in Journalism:
A new YouTube channel has been launched on 1st August 2025, with a distinct mission, to present current news with a Muslim perspective. At the helm of this initiative is veteran journalist Sayed Asif Jah, a respected name in Indian media, who has served for decades in leading newspapers, magazines, and TV news channels across Hindi, English, and Urdu. He has served 'TVI', India's first news channel as Mumbai head to name a few.
This is not just a news channel, it’s a movement of media inclusivity, led by a journalist who understands the responsibility that comes with the camera and the mic.
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