Nirgun Gaun Samvidhan Sunaaun - ”निर्गुण और संविधान के मूल्य”

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यह गीत निर्गुणी तत्व और संवैधानिक मूल्यों के आपसी जुड़ाव को दर्शाता है।
संतों की वाणी ने निर्गुणी तत्वों के माध्यम से जन चेतना का व्यापक प्रचार किया। निर्गुणी तत्व और मानविय-संवैधानिक मूल्य एक जैसे है जैसे प्रेम - बंधुता, निडरता- न्याय, स्वतंत्रता-एक साथ होना या एक जुटता। निर्गुणी तत्व और संवैधानिक मूल्य एक दूसरे के पूरक है।
यह गीत दोनों के आपसी संबंध को दिखाने का प्रयास है।

इस गीत में ढाई आखर पहल, लोकविधान फेलोशिप, कम्युनिटी यूथ फोरम और समतर बेंड के कलकार साथ जुड़े।


Written and compose by @Ritesh Gohiya
#Constitution Song
3Nirgun_Samvidhan
Singer:
1- Himanshu Kaushal (Samtar Band)
2- Harshita Borge (lokvidhan fellow)
3- Shakti Namdev (Lokvidhan fellow)
4- Ravi Rathaur (Dhai aakhar)
5- Rohit dhoke (CYF)
6- Satish Amole(CYF)
7- Saloni (Dhai akhar kishori)

Video editing : Madhur Bhardwaj (SHEDO)

Videography : Veenu Vishvkatma, Shubham Gour, Raj babdiya, Suraj

Studio : Folk Studio SHEDO
#SHEDO #Lokrang #Dhai Aakhar

Lyrics:
निर्गुण गाऊँ संविधान सुनाऊँ
साधु कह के गया था जो बातें
किताब में लिखी कैसे तुम्हें बतलाऊँ न्याय

१- जाति वरन् के भेद से आगे
न्याय लिखा है हम सब साथ हो आगे
सबके हक में होगा सब कुछ
न्याय का यही था विचार रे बताऊँ
निर्गुण गाऊँ, संविधान सुनाऊँ बंधुता:

2- सबका सम्मान है और सबकी पहचान है
सबका है देश और कोई नहीं मेहमान है
संकल्प बंधुत्व और गरिमा का हमने लिया
हर नागरिक को संकल्प याद में दिलाऊँ
निर्गुण गाऊँ संविधान सुनाऊँ।

3- राष्ट्र की एकता अखंडता की बाते
विविधता में बुने है, एकता के नाते
सबके लिए लिखा है सबके लिए बना है।
हम लोग ही विधाता, ये गीत में दोहराऊँ।
निर्गुण गाऊँ, संविधान सुनाऊँ समता.

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