चाणक्य नीति दर्पण#13 Chanakya Niti Darpan संसार में शांति का अचूक मन्त्र# बिना अग्नि कौन जलाते हैं?

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क्या है संसार में शांति पाने का अचूक मन्त्र# The surefire mantra to attain peace in the world#बिना अग्नि के भी शरीर को कौन जला डालते हैं# Who burns the body even without fire# कैसा पुत्र कुल का उद्धार करने में सक्षम है# What kind of a son is capable of uplifting the family# विद्या के अद्वितीय गुण# Unique qualities of education#

विद्या ऐसा अद्वितीय गुण है; जो कामधेनु की तरह सभी कामनाओं को पूरा करती है, मुसीबत में काम आती है और प्रवास के समय माँ की तरह पालन करती है।
किसी घर-परिवार में अनेकों गुणहीन पुत्रों की अपेक्षा एक विद्वान संतान ही श्रेयस्कर है। वह ऐसे ही कुल का उद्धार करने में सक्षम है, जैसे चंद्रमा अकेला ही पूरी पृथ्वी के अंधकार को दूर देता है, जबकि हजारों तारे मिलकर भी रात के अंधकार को दूर नहीं कर सकते।
गुणहीन लोगोंके साथ रहना, चरित्रहीन व्यक्ति की सेवा, बेस्वाद और बिना-पोषण का भोजन, क्रोध करने वाली पत्नी या ऐसा पति, मूर्ख पुत्र और विधवा पुत्री; ये छह बिना अग्नि के भी शरीर को जला डालते हैं।
जिस प्रकार बछड़ा/बछड़ी उत्पन्न करने और दूध देने में अक्षम गाय किसी लिए उपयोगी नहीं होती, उसी प्रकार ऐसा पुत्र भी परिवार के लिए वांछित नहीं होता, जो विद्या और भक्ति; दोनों ही गुणों से विहीन हो।
इस दुखों से पूर्ण संसार में अच्छी संतान, सहयोगी पति या पत्नी और सज्जनों की संगति ही शांति प्राप्त करने का स्थान है।

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