सूर्य, चंद्र और पृथ्वी - प्रतिकृति - Hindi

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सूरज पृथ्वी और चंद्र इनके वजह से होनेवाली अलग अलग प्रIकृतिक घटानाओंका अभ्यास हम मॉडल की मदद से करेंगे.
इस्के लिए हम ने इस्तमाल किये है अलग अलग आकार के गेंद, कुछ मोती और बहुत सारे गियर्स I
चलो शुरू करते हैं पृथ्वी से,
ऐसा मानो के हम आकाश से निचे की तरफ पृथ्वी सूरज और चांद को देख रहे हैं I पृथ्वी सूरज को परिक्रमा लगाती है I
पृथ्वी की ये परिक्रमा उलटी दीशा से याने घड़ी की विपरीत दिशा में होती है (anticlockwise)
परिभ्रमण करते हुए पृथ्वी अपने अक्ष के चारो और घुमती है, इसी अक्ष को पृथ्वी का आस कहां जाता हैI पृथ्वी का आस
याने अक्ष (Axis) थोड़ा टेढ़ा है I वो दक्षिणोत्तर झुकके ध्रुव तारेकी तरफ अवरोधित है, उसके अक्ष के और 23.5 अंश से I
पृथ्वी खुद की चारो औरसे घड़ी की विपरीत दिशा में घूम रही है याने पश्चिम से पूर्व की तरफ I
खुद की एक परिक्रमा पृथ्वी 24 घंटो में पूरी करती है I और सूरज की एक परिक्रमा पूरी करने के लिए उससे 365 दिन
लगते हैं, इन्ही 356 दिनोका एक साल बनता है I
ईन सबके परिणमस्वरूप, पृथ्वीपे गरमी, सर्दी और बरसात के मौसम बनते हैं I
चलो इन सब घटानाओंको समझने के लिए हम कुछ मॉडल बनIते हैं I
हमने यहां एक सर्कल लिया है I सौरमंडल के चारो बाजुओं में अनागिनत नक्षत्र (तारकापूंज) है I हमारे पूर्वजो ने इन में से
कुछ तारों को, तारों के समुहों को चुना और उनको नाम दिए, इसे ही constellations कहा जाता है I
सूरज और चांद के भ्रमणमार्ग में आने वाले 12 तारका समुहो को हम 12 राशियों के नामो से जIनते है,
इस सर्कल पे हमने 12 भांग बनाए हैं, एक भाग ....एक राशि……… जैसे वृषभ, मेश, मिथुन, कर्क
रोज़ के व्यवहार के अंग्रेजी महिने इस छोटी डिस्क पे निकIले हैं, जैसे जIनेवरी, फरवरी, मार्च , इसका उपयोग हमें
मौसमोंका अभ्यास करने के लिए होगा I
अब अगर हम पृथ्वी को हाथ से घुमाते हैं उसका आस कैसे टेढा झुका हुआ है ये बात ध्यान में आती है, ये आस की स्थिति
हम बाजू की तरफ से देखे तो ज्यादा ठिक से दीखाई देती हैI
शुरू करते हैं 21 जून से,
ये है भूमध्य रेखा याने equator , पृथ्वी को दो भंIगों में बाटने वाली कIल्पनिक रेखा I उपरी भाग उत्तरी गोलार्ध
(Northern Hemisphere) और का भाग दक्षिण गोलार्ध (sothern hemisphere)

उत्तरी गोलार्ध में 21 जून ये साल का सबसे बड़ा दिन , इस दिन पृथ्वी का उत्तर ध्रुव (north pole) सूरज की ओर
सबसे ज्यादा कोन में झुका होता है, इसी वजह से पृथ्वी पे उत्तरी गोलार्ध में ये दिन सबसे ज्यादा प्रकाशमय होता है और
दिन सबसे लंबा और रात सबसे छोटी होती हैI
इससे बराबर विपरीत स्थिति इसी दिन दक्षिणी गोलार्ध में होती है, दिन छोटा तो रात लंबी, इस दिन से ग्रीष्म ऋतु की
शुरवात होती है I इसे Summer Solastice कहते हैं I
22 सितंबर
इस तारीख को पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव (North Pole) सूरज के विपरीत दिशा को झुका होता है, और उस वजहसे से उत्तरी
गोलार्ध में रात लंबी और दिन छोटा होता है I इस दिन शिशिर ऋतु याने सर्दी का मौसम शुरू होता है I इसी समय पर
दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है, इसे winter solastice कहा जाता है I
21 मार्च
इस स्थिति में कौनसा भी गोलार्ध सूरज की ओर झुका नहीं होता है, सूरज भूमध्य रेखा पर स्थिति होने की वजह से सब
जगह पर 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है I इसी दिन वसंत ऋतु की शुरुआत होती है, इसे ही vernal
equinox कहते हैं I
21 जून से लेके 22 दिसंबर तक सूरज धीरे धीरे दक्षिण की ओर बढ़ता दिखIई देता है I और 22 दिसंबर से लेके 21 जून
तक वो रोज धीरे धीरे उत्तर की ओर बढ़ता दिखIई देता है I
सूरज की इस (21 जून से 22 दिसंबर तक) उत्तर से दक्षिण की ओर होने वाले भासमान भ्रमण को दक्षिणायन और दक्षिण
से उत्तर की तरफ (22 दिसंबर से 21 जून तक) होने वाले भ्रमण को उत्तरायण कहा जाता है I
चंद्र
ये छोटा सा मोती है हमारा लाडला चाँद,
चांद पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है, वो और पृथ्वी दोनो मिलके सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं I चंद्र को पृथ्वी की
परिक्रमा पूरी करने के लिए 27.3 दिन लगते हैं, लेकिन पृथ्वी भी स्थिर नहीं वो भी सूर्य की परिक्रमा करती रहती है, ईस
वजह से चंद्र को पृथ्वी की अवकाश में उसी जगह पर आने के लिए 29.5 दिन लगते हैं I
चांद स्वयं प्रकाशित नहीं है, चंद्र की जिस भाग पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है, वो प्रकाश परवर्तित होकर हमें चंद्र का उतना
ही भाग दीखायी देता है I
चंद्र परिभ्रमण करता रहता है उसी वजह से चंद्र का प्रकाशित भाग अलग अलग आकार में हमें दिखता रहता है, इसे ही
चंद्र की कलाएं (Lunar Phases) कहां जाता है I
अमावस और पूर्णिमा
जब सूर्य और चंद्र की स्थिति एक दूजे की विरूद्ध दिशा में होती है और पृथ्वी उन दोनो के बिच में आ जाती है उसी समय

पूर्णिमा के बाद चंद्र अपनी कक्षा में आगे आगे बढ़ता है और उसकी प्रकाशमानता कम कम होते दिखती है इसे कृष्ण पक्ष
कहाँ जाता है I
सन्मुख बाजु
चाँद का खुदके चारो और घूमने के लिए लगने वाला सपय और उसे पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए लगनेवाला समय
सामान होने की वजह से चाँद की हर बार एक ही बाजु पृथ्वी की और आती है, इस बाजु को हमने एक लाल रेषा खींची
है, चाँद ने पृथ्वी की एक परिक्रमा पूर्ण करने पर भी इस रेखा ने अपनी जगह नहीं बदली I

इंग्लिश काल गणना के नुसार मकरसंक्रांति १४ जनवरी को ही आती है पर हर कुछ सालों के बाद ये इंग्लिश तारीख एक
एक दिन आगे जाएगी I
अगले वीडियो में हम मराठी महीने और अधिक का महीना इसके बारेमे और जानकारी लेंगे I
धन्यवाद !!!

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