Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть 1232)नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो | Hindi | Arvind P Patil

  • Kadsiddha Maharaj Bodhamrut!
  • 2025-09-17
  • 89
1232)नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो | Hindi | Arvind P Patil
  • ok logo

Скачать 1232)नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो | Hindi | Arvind P Patil бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно 1232)नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो | Hindi | Arvind P Patil или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку 1232)नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो | Hindi | Arvind P Patil бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео 1232)नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो | Hindi | Arvind P Patil

🕉👏श्री सद्गुरुकृपा -(प्र १२३२ दि. १७/९/२५ ) आज हम देखते है, अनेक मठाधीश बन गये हैं, अनेक प्रवचनकार बन गये है, अनेक कथावाचक बन गये हैं, तो उन्हें आत्मज्ञान प्राप्त हुआ है क्या ? हम समझ सकते हैं क्या वे सब आत्मज्ञानी महापुरुष है? इस संदर्भ मे मुंडक उपनिषद में एक श्लोक आया है, बस वही हम देख लेंगे ।
नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो
न मेधया न बहुना श्रुतेन ।
यमेवैष वृणुते तेन लभ्य-
स्तस्यैष आत्मा विवृणुते तनुं स्वाम् ॥
ये आत्मा प्रवचन करके प्राप्त नही होगा । न मेधया याने बुद्धि मान होनेसे । किंबहुना बहुत कुछ श्रवण किया । तो प्राप्त होगा क्या? जीसका सद्गुरु कृपासे भगवान की कृपा से खुद भगवान ने स्वीकार किया हैं, उसे प्राप्त होता हैं । भगवान खुद अपना स्वरूप समझाता हैं ।
आदिनाथ गुरु सकल सिद्धांचा, याने जीस गुरु परंपरा से हम ताल्लुक़ रखते है, वेद उपनिषद के आधार से हमारा आचरण रहता हैं । भगवद्गीता जैसे ग्रंथ का हम स्वाध्याय करते हैं । साथ ही साथ सद्‌गुरु के सानिध्य में रहते हैं । तोही यह ज्ञान प्राप्त होता हैं । ज्ञान प्राप्ति के लिए श्रवण मनन और निदिध्यासन होना चाहिए । तत्त्वमसि महावाक्यसे पता चलता है की भगवान हमारे अंदर ही मौजूद हैं । काडसिद्धेश्वर महाराज बताते थे की, जीस सुखकेलिये तुम प्रयास कर रहे हो, वह सुख तुम्हारे पास ही है, इतना ही नहीं तुम खुद सुखस्वरुप ही हो । इसलिए जैसा गुरुदेव ने बताया वैसा हमारा आचरण होना चाहिए । हमारी संप्रदाय परम्परा रहती है । सुबह उठकर हम
काकडआरती करते है । दासबोध वाचन करते हैं फिर उसके
अनुसार चर्चा करते है । ध्यानधारणा होती हैं, देखिए इस ध्यानधारणा से अनेकाग्र मनको एकाग्र किया जाता हैं । ये सब बातें ज्ञान प्राप्ति के साधन हैं । षटसंपत्ति के लिए ये सब कुछ आवश्यक है । साधन चतुष्टय में विवेक वैराग्य मुमुक्षुत्व और षटसंपत्ति में शम दम उपरति तितिक्षा श्रद्धा और समाधान ये सब गुण होते है । महत्वपूर्ण बात यह है की, हमें सद्‌गुरु की शरण लेके उनके आदेश के अनुसार कार्य करना चाहिए ।
मनुष्य शरीर का यही सबसे बड़ा दायित्व होता हैं ।
जय काडसिद्ध । जय काडसिद्ध ॥

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]