मधुमक्खी पालन की चुनौतियाँ और उनका समाधान || क्यों जरूरी है मधुमक्खी बचाव |

Описание к видео मधुमक्खी पालन की चुनौतियाँ और उनका समाधान || क्यों जरूरी है मधुमक्खी बचाव |

#madhumakhi #madhumakkhi #ranimadhumakhi #madhumakkhika #madhumakhipalan #madhumakkhiwala #madhumakhikachatta #madhumakkhipalan #madhu #madhumakhipalan #madhumakhipalantraining #madhumakhipalankarnekatarika #madhumakhipalaninhindi #madhumakhipalankaiseshurukare #madhumakkhikijankari #madhumakkhikapalankaisekaren #madhumakkhikikheti #madhumakhikachattakaisenikale #madhumakhi

मधुमक्खी पालन की चुनौतियाँ और उनका समाधान क्यों जरूरी है मधुमक्खी बचाव madhumakkhi palan kaise karen madhumakkhi palan ki puri jankari madhumakkhi palan madhumakkhi beekeeping farming in India how to start Bee keeping farming in Hindi honey Bee farming Bee venom in India Bee pollen मधुमक्खी पालन मधुमक्खी पालन कैसे करें पूरी जानकारी beekeeping kheti kisan bee keeping in Hindi मधुमक्खी पराग how to start beekeeping vlogs indian news 20

मधु, परागकण आदि की प्राप्ति के लिए मधुमक्खियाँ पाली जातीं हैं। यह एक कृषि उद्योग है। मधुमक्खियां फूलों के रस को शहद में बदल देती हैं और उन्हें छत्तों में जमा करती हैं। जंगलों से मधु एकत्र करने की परंपरा लंबे समय से लुप्त हो रही है। बाजार में शहद और इसके उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण मधुमक्खी पालन अब एक लाभदायक और आकर्षक उद्यम के रूप में स्थापित हो चला है। मधुमक्खी पालन के उत्पाद के रूप में शहद और मोम आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। मधुमक्खी कीट वर्ग का सामाजिक प्राणी है जो खुद के बनाए हुए मोम के छत्ते में संघ बनाकर रहता है, जिसमें एक रानी कई सौ नर एवं शेष श्रमिक होते हैं। एक छत्ते में इनकी संख्या लगभग 20हजार से 50हजार तक होती है। इनके छत्ते से प्राप्त शहद बहुत पौष्टिक होता है।

मधुमक्खी पालन के लाभ :-
पुष्परस व पराग का सदुपयोग, आय व स्वरोजगार का सृजन |
शुद्धध मधु, रायल जेली उत्पादन, मोम उत्पादन, पराग, मौनी विष आदि |
३ बगैर अतिरिक्त खाद, बीज, सिंचाई एवं शस्य प्रबन्ध के मात्र मधुमक्खी के मौन वंश को फसलों के खेतों व मेड़ों पर रखने से कामेरी मधुमक्खी की परागण प्रकिया से फसल, सब्जी एवं फलोद्यान में सवा से डेढ़ गुना उपज में बढ़ोत्तरी होती है |
मधुमक्खी उत्पाद जैसे मधु, रायलजेली व पराग के सेवन से मानव स्वस्थ एवं निरोगित होता है | मधु का नियमित सेवन करने से तपेदिक, अस्थमा, कब्जियत, खून की कमी, रक्तचाप की बीमारी नहीं होती है | रायल जेली का सेवन करने से ट्यूमर नहीं होता है और स्मरण शक्ति व आयु में वृद्धि होती है | मधु मिश्रित पराग का सेवन करने से प्रास्ट्रेटाइटिस की बीमारी नहीं होती है | मौनी विष से गठिया, बताश व कैंसर की दवायें बनायी जाती हैं | बी- थिरैपी से असाध्य रोगों का निदान किया जाता है |
मधुमक्खी पालन में कम समय, कम लागत और कम ढांचागत पूंजी निवेश की जरूरत होती है,
कम उपजवाले खेत से भी शहद और मधुमक्खी के मोम का उत्पादन किया जा सकता है,
मधुमक्खियां खेती के किसी अन्य उद्यम से कोई ढांचागत प्रतिस्पर्द्धा नहीं करती हैं,
मधुमक्खी पालन का पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मधुमक्खियां कई फूलवाले पौधों के परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस तरह वे सूर्यमुखी और विभिन्न फलों की उत्पादन मात्रा बढ़ाने में सहायक होती हैं,
शहद एक स्वादिष्ट और पोषक खाद्य पदार्थ है। शहद एकत्र करने के पारंपरिक तरीके में मधुमक्खियों के जंगली छत्ते नष्ट कर दिये जाते हैं। इसे मधुमक्खियों को बक्सों में रख कर और घर में शहद उत्पादन कर रोका जा सकता है,
मधुमक्खी पालन किसी एक व्यक्ति या समूह द्वारा शुरू किया जा सकता है,
बाजार में शहद और मोम की भारी मांग है।

Cover Topic :-
मधुमक्खी पालन की चुनौतियाँ और उनका समाधान
क्यों जरूरी है मधुमक्खी बचाव
madhumakkhi palan kaise karen
madhumakkhi palan ki puri jankari
madhumakkhi palan,madhumakkhi
beekeeping farming in India
how to start Bee keeping farming in Hindi
honey Bee farming
Bee venom in India
Bee pollen
मधुमक्खी पालन
मधुमक्खी पालन कैसे करें पूरी जानकारी
beekeeping
kheti kisan
bee keeping in Hindi
मधुमक्खी पराग
how to start beekeeping
vlogs indian news 20

Комментарии

Информация по комментариям в разработке