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Скачать или смотреть 1231)दुष्ट चतुष्टय | Hindi | Arvind P Patil

  • Kadsiddha Maharaj Bodhamrut!
  • 2025-09-15
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1231)दुष्ट चतुष्टय | Hindi | Arvind P Patil
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Описание к видео 1231)दुष्ट चतुष्टय | Hindi | Arvind P Patil

🕉👏श्री सद्गुरुकृपा -(प्र. १२३१ दि. १६/९/२५ ) संसार चक्र का निर्माण कैसे होता है ? ऐसे कौन से दुर्गुण होते है जिनके कारण मनुष्य खुद को भूल जाता हैं ? इस प्रवचन के माध्यम से हम जान सकते है ।
महाभारतयुद्ध तो हरएकके जीवन मे आता है । इसलिए पालनहार भगवानने वेदसार श्रीमद्भगवद्गीता का प्रबोधन किया है ।
दुष्ट चतुष्टय याने ऐसी चार बातें जिनकी वजहसे हम हमारे इष्ट देवता का ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते । ये कौन है?
अहंकार ममकार राग और द्वेष । संसार चक्र की शुरुआत राग और द्वेष से होती हैं । हमने जब रज्जु सर्प देखा तब सर्प के कारण द्वेष निर्माण हुआ । सर्प है इसलिए विषैला ही होगा और हमे काटेगा तो?
रजतशुक्ति ये तो चांदी है करके राग याने प्रेम निर्माण हुआ ।
और पुरा संसार चक्र शुरू हुआ । संसार में जितनी अच्छी बाते
होती हैं उनके बारे मे हमें प्रेम निर्माण होता है । जितनी बातें हमारे विचारके प्रतिकूल होती है उनके बारे मे द्वेष निर्माण होता है ।
अहंकार हमे ब्वाडी और माईंड याने शरीर और मन- मै ऐसा दिखता हूँ, मै इतना बुद्धिमान हूँ । ममकार याने परिवार पझेशन और प्रोफेशन- मेरे परिवारमे ऐसे ऐसे लोग हैं, मेरे अखत्यारीमे ऐसे दुकान है, माल है, ऐसा धंदा बिझीनेस है ।
अध्यात्म मार्गमे प्रगति करनी होगी तो हमारा तमोगुण कम होना चाहिए । याने आलस्य भ्रम भ्रांति अज्ञान हटनी चाहिए ।
सत्त्वगुण की वृद्धि होनी चाहिये । पूजा अर्चना करनी चाहिए ।
अनेक स्त्रोत्रका पठन करो । इससे हमें एनर्जी मिलती हैं । बताया जाता है की सुबह शाम के सूरज किरणों से विटामिन डी मिलता हैं और हम उन किरणों में बैठते है । ये हमने स्विकार किया । बस उसी तरह जब हम भगवान के अच्छे अच्छे स्त्रोत्र का पठन करते हैं, तब हमें शक्ति प्राप्त होती हैं ।
मैने स्त्री सूक्त, ब्रह्म नामावली, श्री गणपति अथर्वशिर्ष, निर्वाणषटक, रामरक्षा आदि अनेक स्त्रोत्र युट्युबमे अपलोड किये है । कमसेकम उतना श्रवण करनेका प्रयास करो । उससे विटामिन डी प्राप्त होगा । जय काडसिद्ध ।

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