HIMALAYAN HIGHWAYS| चमोली जनपद में "1901" में स्थापित गुरुकुल का सफर और यादें | UTTARAKHAND| CHOPTA

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हिमालयन हाइवेज।HIMALAYAN HIGHWAYS

ये दौर वो था जब पूरे देश में अंग्रेजी हुक्मरानों का हुकम आखिरी फैसला हुआ करता था। सुदूर हिमालय की तलहटी से लगे क्षेत्र में गरीबी ही जिंदगी का दूसरा नाम थी और यहां शिक्षा जैसे शब्द से लोगों का परिचय भी नही था। बात आज से लगभग सवा सौ साल पुरानी है। लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बाद भी आज नजर आ रहा यह जश्न अपने साथ इतिहास का एक पूरा अध्याय समेटे हुए है। ब्लैकबोर्ड और सफेद चौक से शुरू हुआ ये सफर आज आधुनिक तरीकों से आगे बढ़ रहा है लेकिन कांपती अंगुलियों के साथ बचपन में लिखे ये अक्षर आज भी इन चेहरों को खुशियों से भर देते है....बात पहाड़ों के उस गुरुकुल की जो पिछले सवा सौ सालों से लगातार अपने आंगन में मासूम बच्चों को भविष्य के लिए तैयार कर रहा है। सोचिए कितनी पीढ़ियां कितने छात्र छात्राए ओर कितने बड़े इतिहास को स्कूल की ये बिल्डिंग अपने साथ समेटे हुए है। बात बचपन की हो और दिन स्कूल के हो तो शरारतों का होना लाजिमी है। बचपन की यही शरारते उम्र बीतने के साथ आपके होंठों पर मुस्कान बिखेर जाती है। उम्र के इस दौर में अपनी शरारतों को याद करना मानों जीवन को बचपन के उन दिनों में ले जाना है जहां चाहकर भी नही लौटा जा सकता।

नमस्कार हिमालयन हाइवेज के एक ओर एपिसोड में आपका स्वागत है। आज हम आपके लिए लेकर आये है सुदूर पहाड़ों में स्थापित एक स्कूल जो पिछले 122 सालों से लगातार बिना रुके बिना थके अपने फर्ज को निभा रहा है। जी हां आज बात चमोली जनपद के सुदूर नारायणबगड़ विकासखण्ड स्थित चोपता गांव के उस स्कूल की जो उम्र में भले ही सीनियर हो लेकिन आज भी अन्य स्कूलों के लिए एक प्रेरणा है। माँ गिरिजा भवानी के आशीष से परिपूर्ण जमीन पर बने इस स्कूल से हर साल छात्र शिक्षा ग्रहण कर जीवन में आगे बढ़े और हमेशा ही अपने हुनर से स्कूल को गौरवान्वित करते आये। आइए शुरू करते है आज का यह एपिसोड इस खूबसूरत वंदना के साथ....

नारायणबगड़ से परखाल रोड होते हुए चोपता गांव तक पहुंचना अब भले ही आसान नजर आता हो लेकिन ये वो दौर था जब इन क्षेत्रों में दूर दूर तक सड़क नही हुआ करती थी। 1890 के आस पास चोपता गांव के एक व्यक्ति द्वारा अपने स्तर से गांव के बच्चों को पढ़ाने के लिए मंदिर के पास व्यवस्था की गई और फिर आगे चलकर 1900 के आस पास तत्कालीन अंगेजी हुकूमत ने इसे विस्तार देते हुए स्थाई स्कूल की स्थापना की घोषणा की। स्कूल स्थापना के बाद चोपता ओर उससे सटे दर्जनों गांवों के छात्र यहां पड़ने के लिए आने लगे और देखते ही देखत्ते प्राथमिक शिक्षा के लिए बना ये स्कूल क्षेत्र में शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र बन गया। यहां से पास आउट हुए छात्र आज जीवन के 90 बसन्त पार कर चुके है लेकिन उनकी यादों में आज भी स्कूल के वो दिन तरोताजा है। राजकीय आर्दश प्राथमिक विद्यालय चोपता 122 साल बाद आज ना सिर्फ आधुनिकता के साथ कदमताल कर आगे बढ़ रहा है बल्कि अन्य स्कूलों के लिए मिसाल भी बना हुआ है। किसी दौर में पहाड़ों की पारम्परिक भवन निर्माण शैली से शुरू हुआ ये स्कूल वक्त के साथ आज खूबसूरत बिल्डिंग में बदल गया है। अपने शुरुआती दिनों में स्कूल के रखरखाव की जिम्मेदारी अध्यापकों ओर छात्रों के कंधों पर होती थी। इस स्कूल से पढ़कर अपने जीवन में बेहद खूबसूरत सफर तय करने वाले छात्र आज भी उन दिनों को याद कर भावुक नजर आते है। स्कूल के फर्श से लेकर दीवारों की लिपाई पुताई तक का कार्य कर चुके ये बुजुर्ग छात्र आज भी बड़ी मासूमियत से हर सवाल का जबाब देते है।

राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय चोपता में इस साल भी वर्षिकउत्सव मनाया जा रहा है। पारम्परिक पहाड़ों की शैली में स्थानीय भोजन यहां मेहमानों का स्वागत करता है वहीं लोकसंगीत को लेकर भी बड़ी संख्या में महिला मंगल दलों को आमंत्रित किया गया है। चोपता के साथ आस पास के गांवों की महिला मंगल दल इस सामूहिक आयोजन में मेजबान है। तीन दिन के इस उत्सव में यहां बच्चों के साथ बुजुर्ग तक बेहद उत्साहित है। स्कूल हमेशा से अपने छात्रों के दिल के करीब होता है शायद यही कारण है कि ये स्कूल आज भी इस प्यार से खुद को बचपन में ही पाता है। सौ सालों से अधिक समय होने के बाद भी राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय चोपता हर साल अपने बगीचे में नए फूलों की वो पौध तैयार करता है जो आने वाले समय में अपनी प्रतिभा से इस क्षेत्र का नाम रोशन करते आये है। उम्मीद ही नही पूरा भरोषा होना चाहिए कि चोपता गांव में स्थित यह विद्यालय ऐसे ही कई सदियों का सफर तय करेगा। छात्रों के यहां आने और एक बेहतर नागरिक बन कर जाने के लिए बना ये गुरुकुल अपने आप में वो जीता जागता इतिहास है जो वर्षों से ऐसे ही अपने होने की गौरवशाली गवाही देते आ रहा है।
आज के एपिसोड में इतना ही जल्द ही एक नए एपिसोड के साथ हम आपके बीच आएंगे । आपको हमारा यह एपिसोड कैसा लगा कृपया कमेंट कर अवश्य बताए साथ ही हमारे चैनल को जरूर सब्सक्राइब कीजियेगा।

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