पाबूजी की फड़/पड़, (भाग-11)🙏🏻

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पाबूजी की फड़ जो एक वस्त्र पर बनाई गई चित्रकारी है। फड़ को पड़ के रूप में भी बोला जाता है। इनकी स्मृति में प्रतिवर्ष जैसलमेर के पास प्राचीन गांव कारियाप में पड़-महोत्सव के रूप में एक मेले का आयोजन होता है तथा यह रावणहत्था नामक वाद्य यंत्र के साथ गायी जाती हैं। कला भारतीय राज्य राजस्थान में अत्यधिक प्रसिद्ध है।पाबूजी राजस्थान के लोक-देवता हैं। वे १४वीं शताब्दी में राजस्थान में जन्मे थे। पाबु जी को पशु-प्रेमी परम् गौभक्त तथा प्लेग रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसी भी मान्यता है की राजस्थान में ऊँटो के बीमार होने तथा ऊँटो के देवता के रूप में पाबूजी की पूजा होती है।

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