श्री राधा नाम महिमा 🌹। राधामाधव चिन्तन ।Radha Name Mahima ।Radha Krishn ।

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श्री राधा नाम महिमा 🌹। राधामाधव चिन्तन ।Radha Name Mahima ।Radha Krishn

श्रीराधा-माधवकी अभिन्नता

इन गोपियोंमें सर्वशिरोमणि हैं - वृषभानुदुलारी श्रीराधाजी। गोपियाँ श्रीराधाजीकी कायव्यूहरूपा हैं। गोपियोंका परम आदर और परम सेव्य श्रीराधामें ही निहित है। श्रीराधारूपी दर्पणमें ही कृष्णका पूर्ण दर्शन प्राप्त होता है और वह दर्शन भी श्रीकृष्णको ही होता है।
राधा' वास्तवमें कोई एक मानवी नारीविशेष नहीं हैं, वे भगवान्‌की साक्षात् अभिन्ना शक्ति हैं। इनके संगसे ही भगवान्में सर्वशक्तिमत्ताका प्रकाश होता है। भगवान् श्रीकृष्णने एक जगह कहा है-

राधा बिना अशोभन नित मैं रहता केवल कोरा कृष्ण।

राधा संग सुशोभित होकर बन जाता हूँ मैं 'श्री' कृष्ण॥

राधा मेरी परम आतमा, जीवन-प्राण नित्य आधार।

राधा से मैं प्रेम प्राप्तकर, करता निज जनमें विस्तार ॥

मैं राधा हूँ, राधा मैं है, राधा-माधव नित्य अभिन्न।
एक सदा ही बने सरस दो, करते लीला ललित विभिन्न॥ राधाके बिना मैं नित्य ही शोभाहीन केवल-निरा कृष्ण रहता हूँ, पर राधाका संग मिलते ही सुशोभित होकर 'श्री' सहित श्रीकृष्ण बन जाता हूँ। राधा मेरी परम आत्मा है, मेरा जीवन है, मेरी प्राणभूता है। राधासे ही प्रेम प्राप्त करके मैं उस प्रेमका अपने प्रेमीजनोंमें प्रसार-विस्तार करता हूँ। वास्तवमें मैं ही राधा हूँ और राधा ही मैं है। हम राधा-माधव दोनों सदा अभिन्न हैं, हम सदा एक ही दो बने हुए विभिन्न प्रकारकी रसमयी ललित लीलाएँ किया करते हैं।

इतना ही नहीं राधा मुझे इतनी अधिक प्रिय है - राधासे भी लगता मुझको अधिक मधुर प्रिय राधा नाम। राधा शब्द कान पड़ते ही खिल उठतीं हिय कली तमाम ॥ उन राधासे भी उनका 'राधा' नाम मुझे अधिक मधुर और प्यारा लगता है। राधा शब्द कानमें पड़ते ही मेरे हृदयकी सम्पूर्ण कलियाँ खिल उठती हैं। कोई भी ऐसा प्रेमपरिपूर्ण राधा नाम सुनाकर मुझे खरीद ले सकता है। नारायण, शिव, ब्रह्मा, लक्ष्मी, दुर्गा, सरस्वती सब मेरे ही रूप हैं। ये सभी मुझे प्राणोंके समान प्रिय हैं और इन सबका भी मुझमें बड़ा अनुपम भाव है, परन्तु राधा तो मुझे प्राणोंसे भी अधिक प्यारी है। वह समस्त प्रिय प्रेमीजनोंकी मुकुटमणि है। राधाके सदृश प्राणाधिक प्रिय दूसरा कहीं कोई भी नहीं है। ये अन्यान्य सभी देव- देवियाँ नित्य मेरे समीप रहती हैं, पर मेरी प्रियतमा राधा तो सदा मेरे वक्षःस्थलपर ही निवास करती है।
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