Sangat Ep.41 | Arun Kamal on Poetry, Society, Bihar, Criticism, ved & Apni keval Dhar | Anjum Sharma

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हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 41वें एपिसोड में मिलिए समादृत कवि अरुण कमल से। अरुण कमल का जन्म 15 फ़रवरी 1954 को बिहार के रोहतास ज़िले के नासरीगंज में हुआ। आरंभिक शिक्षा-दीक्षा के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए पटना गए। पटना के साहित्यिक-राजनीतिक वातावरण ने उनके व्यक्तित्व-कृतित्व के विकास में अहम भूमिका निभाई। इसी दौर में वह समकालीन कवियों और साहित्यिक-वैचारिक गतिविधियों के खुले संपर्क में आए। उनका पहला कविता-संग्रह ‘अपनी केवल धार’ 1980 में प्रकाशित हुआ। इस संग्रह की ‘अपनी केवल धार’ शीर्षक कविता की लोकप्रियता आज भी बनी हुई है और उनके परिचय का महत्वपूर्ण अंग है। उनकी कविताओं के नए बिंब, बोलचाल की भाषा, खड़ी बोली के लय-छंदों के समावेश ने उनकी एक अलग पहचान निर्मित की है। उनकी कविताएँ मानवीय स्वर में आपबीती से जगबीती की यात्राएँ तय करती नज़र आती हैं। उनमें विषयों की विविधता है जिसके अनुरूप भाषा भी ढलती जाती है। वह आम जीवन-प्रसंगों को कुशलता और सहजता से कविताओं में रूपांतरित करने का हुनर रखते हैं। कविता में उनकी प्रतिबद्धता प्रत्येक शोषित-दलित-वंचित के प्रति प्रकट है। कविता के साथ ही उन्होंने आलोचना, निबंध और अनुवाद में भी महत्त्वपूर्ण योगदान किया है। उन्होंने मायकोव्स्की की आत्मकथा का हिंदी अनुवाद भी किया है। उनकी कविताएँ अनेक देशी-विदेशी भाषाओं में अनूदित हुई हैं। ‘नए इलाक़े में’ कविता-संग्रह के लिए उन्हें 1998 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इंटरव्यू के दौरान अंजुम शर्मा से बात करते हुए कविता, कविता के विकास, कविता की भाषा, प्रेरणा, कवियों की पृष्ठभूमि, कविता में आत्मस्वीकार और आत्मीयता पर चर्चा की। आख़िर कविता क्या करती है? कम से कम शब्दों में ज़्यादा कैसे कहा जाए? क्या कवि होने के लिए संस्कृत और उर्दू जानना ज़रूरी है? ''दुनिया में सबसे प्रेम करो लेकिन विश्वास कुछ लोगों पर करो'' बात से उनका क्या आशय है? विज्ञान में आज भी उनकी दिलचस्पी के कारण क्या है? अरुण कमल का बचपन कैसा था? वह क्यों कहते हैं कि लोगों ने कविता पढ़ना, सीखना छोड़ दिया है? कविता की दुनिया में उनका आना कैसे हुआ? आस्तिक और नास्तिक के प्रश्न पर वह क्या कहते हैं? उन्हें शोक क्यों आकर्षित करता है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब और अरुण कमल के निजी जीवन से लेकर उनके रचना-संसार को जानने-समझने के लिए देखिए अंजुम शर्मा के साथ संगत का यह रोचक एपिसोड।

अरुण कमल की कविताएँ : https://www.hindwi.org/poets/arun-kam...

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