धर्मर्प्रेमी सुरत नगरे गोपीपुरा मध्ये श्री वासुपूज्य स्वामी जिनालये नित्य पक्षाल समय नुं स्तुति गान...
परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री प्रबोधचंद सूरिजी महाराज साहेब प्रेरित तथा परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री जगवल्लभ सूरिजी महाराज साहेब द्वारा रचित सुंदर भाववाही स्तुति जे नित्य श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान ना पक्षाल करतां करतां भाविक भक्तों द्वारा गवाय छे.
Singer : Hiral Shah
Music :Darshan Zaveri
Sitar : Bhagirath Bhatt
Flute : D.K.Chauhann
Tabla : Nandu Bhai Kshirsagar
Pakhawaj : Jigar Jamaria
Percussion - Vihul Jagirdar
Music Recording, Mixing, Mastering : Mikul Shah
Vocal Recording, Mixing : Manan shah
Video Edited by 🎥 - Hemil Shah ( 84693 49497)
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हे नाथ गोपीपुरा तणा, तुज साथ मुजने बहु गमे,
अभिषेकता मंगलदिने, तुही ज घटघटमां रमे,
अभिषेकनी धारा अखंडित, स्वस्थता दे क्षणे क्षणे,
वासुपूज्य जिन अभिषेकता, जगजीवने शाता मळे ॥१॥
मंगलतणा हे स्वामी, मंगल ग्रहतणी पीडा हरो,
सहु मंगळो जीवन विषे, प्रगटावीने जय शुभ करो,
अडदोषने कर्मो हरी, शाता सहज सुख कारणो,
वासुपूज्य जिन अभिषेकता, जगजीवने शाता मळे ॥२॥
तुं पापने सळगावतो, तुं पुण्यने प्रगटावतो,
विघ्नोविदारीनाथ, अभ्युदय करी हरखावतो,
अभिषेक तारो आत्मनिर्मलता, करी भवभय हरो,
वासुपूज्य जिन अभिषेकता, जगजीवने शाता मळे ॥३॥
अभिषेक तारो नाथ मारो, आतमा उज्जवळ करे,
अभिषेक तारो नाथ मारा, मनतणी मुशीबत हरे,
अभिषेकता प्रभु आपने, शाता मळे क्षण क्षणे,
वासुपूज्य जिन अभिषेकता, जगजीवने शाता मळे ॥४॥
सर्वोषधि ने मयुरशीखथी, नाथने अभिषेकता,
वळी दुधकेसरयुत करी, प्रभु आप कायासिंचता,
गोदुग्धने पंचामृत, अभिषेक पंचमगत करो,
वासुपूज्य जिन अभिषेकता, जगजीवने शाता मळे ॥५॥
वीतरागने सर्वज्ञ तुं, देवेन्द्र पूजित गर्भथी,
बहु पुण्य केरा पुण्यथी, अभिषेकतो हुं मथी मथी,
आ विश्व माहे सारतु, मुज जीवन केरो सारथी,
वासुपूज्य जिन अभिषेकता, जगजीवने शाता मळे ॥६॥
रोगो हरे दीनता हरे, निःसत्त्वता दूरे करे,
अभिषेकता मुख कमल केरी, कांती तुज भ्रांति हरे,
शांति-प्रशांति नेवळी, उपशांति अंतर झळहळे,
वासुपूज्य जिन अभिषेकता, जगजीवने शाता मळे ॥७॥
माता जयाना नंद भूप, वसुपूज्यना छो लाडीला,
चंपापूरीना स्वामी वरणे, रक्त छो पण निर्मळा,
भक्तो तणी भीड भांगता, शिवराजनी संपद करो,
वासुपूज्य जिन अभिषेकता, जगजीवने शाता मळे ॥८॥
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