YOGA FOR ASTHMA PART 3.mp4

Описание к видео YOGA FOR ASTHMA PART 3.mp4

जिनको अस्थमा हैं वे लगातार प्राणायाम करे तो वह अस्थमा से छुटकारा पा सकते हैं ऐसा नही हैं की 4 से 5 बार तक करने से ही अस्थमा ठीक होता हैं लगातार 400 से 500 बार तक प्राणायाम करने से ही लाभ होगा यदि अस्थमा के रोगी कपालभाति प्राणायाम को 15 मिनट करते हैं तो 900 बार होता हैं, अगर बहुत ज्यादा अस्थमा हैं तो दिनभर में 15- 20 बार लेना निर्णय लेना पड़ता हैं तो वह भी छुट जायेगा | और किसी कस=किसी का पहला दिन ही छुट जाता हैं , जिनको 10 साल 20 साल से अस्थमा हैं वो प्राणायाम करने से ठीक हो जाते हैं और प्राणायाम करने से पहले दिन से ही परिणाम मिलना शुरू हो जाता हैं, अगर बहुत ज्यादा अस्थमा बढ़ा हुआ हैं तो थोडा वक्त लगता हैं, कोई - कोई पहले दिन से ही ठीक होन लगते हैं तो कोई थोडा वक्त लेकर | ऐसा हो नही सकता की प्राणायाम करके आदमी का अस्थमा व दमा ठीक नही हो सकता , ठीक होगा अनुलोम - विलोम प्राणायाम को 15 मिनट करे पूरा स्वास को अंदर गहरा भरे और छोड़े यह अनुलोम - विलोम अस्थमा के लिये बहुत जरुरी हैं | लगातार अनुलोम - विलोम करते रहना चाहिए अगर थक जाये तो थोडा रुक जाये जब पूरा थक जाये तो भ्रामरी प्राणायाम, उदगीर प्राणायाम करे श्वास अंदर भरते और मन में एक ही संकल्प ले कर करे की मेरे फेफड़े स्वस्थ हो रहे हैं | पूरा आक्सीजन मिल रहा है, हमेशा सकारात्मक सोच रखना चाहिए जितने ही हम सकारात्मक रहेंगे उतने ही सृजन होंगे जितने ही नकारत्मक सोचेंगे उतने ही विद्वंश बाहर आयेंगे | इसलिये सकारात्मक रहे, और पवित्र संकल्प के साथ प्राणायाम करे और देखिये अस्थमा कैसे ठीक होता हैं हमने बताया की प्राणायाम करो और आज करो अभी करो और अभी पाओ | अनुलोम - विलोम के बाद भ्रामरी भी पहली ऊँगली माथे पर आँख बंद कान बंद और स्वास को अंदर भरना और बाहर छोड़ना भ्रमर की तरह इसे भी 3 से 5 बार कर ले 15 मिनट कपालभाति व 15 मिनट अनुलोम - विलोम कर ले तो यह अपने आप ही शांत हो जाता हैं जितना स्वास गहरा भीतर जायेगा उतना ही स्वास व फेफड़ो की जो समस्या जैसे अस्थमा दमा के रोग ठीक होते जायेंगे | ॐ का ध्यान लगाकर स्वास को अंदर की ओर भरते रहे,यह इतना सा प्राणायाम हैं इसमें और भी प्राणायामो को जोड़ सकते हैं | उज्जायी प्राणायाम गले की थायराइड में उज्जायी प्राणायाम बहुत ही लाभकारी हैं |कुछ घरेलू उपचार गो मूत्र लगभग 50 ग्राम खाली पेट तुलसी पत्ता के साथ ले और सर्दी के मौसम में उस गो मूत्र को थोडा गरम् करके ले और गर्मी में ऐसे ही खाली पेट ले यह कफ, अस्थमा , दमा स्वास एलर्जी में बहुत में गो मूत्र बहुत ही फायदेमंद हैं दूध में हल्दी,सोंठ 100 ग्राम बादाम की गिरी 50 ग्राम कालीमिर्च50 ग्राम खांड अलग अलग दो से तीन ग्राम रात को गुनगुने पानी के साथ ले बहुत ज्यादा कफ हैं तो बादाम खांड को रात में दूध के साथ ले इससे पेट भी साफ रहता हैं जिनको कफ अस्थमा नजला रहता हैं नाक बंद रहता हैं उससे यह दूर हो जाता हैं |

Комментарии

Информация по комментариям в разработке