YOGA FOR ASTHMA (PART 1)

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परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने इस विडियो में स्वास रोग एवं उनके उपचार के बारे में बताया है
योग व योग से कई प्रकार के बीमारियों से छुटाकार पाया जा सकता है स्वास की ,अस्थमा एलर्जिक परेशानी दमा की बीमारी वात ,पिट , व कफ इन तीन दोषों की चिकित्षा है और जब ये तीन दोष प्रकोपित होते है तो तरह तरह की बीमारी जन्म लेती है वात रोग शरीर में लगभग 80% है और पित व कफ शरीर में 40% है
इन बीमारियों में योग से होने वाले लाभ - जिनको अस्थमा ,दमा ,कफ नाक की हड्डी बढ गई इसका जितना प्रभावी उपाय प्रणायाम हो सकता है उतना कुछ हो ही नहीं सकता इसलिये हमें प्राणायाम करना चाहिये और घरेलू उपचार से भी ये बीमारी ठीक हो सकते है
पहले पैर को उठाकर दुसरे पैर में रखना और दुसरे पैर को पहले पैर में यह पदमासन होता है अगर न बैठ पाने पर सीधा आसन होता है
दम के रोगियों के लिए यह बहुत ही खास है की भस्त्रिका प्राणायाम करने से दमा ठीक होगा और दमा के रोगी प्राणायाम को जोर जोर से करे तो उसकी यह समस्यां और बढ़ सकती है प्राणायाम करते समय लम्बा गहरा साँस ले
अनुलोम ,विलोम ,भस्त्रिका ,कपालभाती , समस्त प्राणायाम करे इससे अस्थमा व दुसरे बीमारी भी ठीक होंगे नींद न आना व अन्य परेशानी इन प्राणायाम से दूर होंगे
अगर जिनको बहुत ज्यादा अस्थमा व आक्सीजन लेने में परेशानी है वे नियमित इस प्राणायाम को करने से यह बीमारी ठीक हो जायेगा अस्थमा वाले इस प्राणायाम को 5 मिनट भी करे अस्थमा के रोगी जोर जोर से करने से साँस फूलने लग जायेगे इस लिए जोर से न करे हमेश फेफड़ो में ही साँस भरे पेट में न भरे भस्त्रिका प्राणायाम को 1 से 2 मिनट तक करे और कपालभाती प्राणायाम को 1 बार में 30 बार करे और न कर पाने पर 5 मिनट तक करे इस प्राणायाम को जितनी देर तक कर सके उतने ही देर तक करे इस तरह से स्वास को बाहर चदते हुवे इस प्राणायाम को 15 से 30 मिनट तक करे
भस्त्रिका ,कपालभाती प्राणायाम को रोजाना करे

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