आसन प्राणायाम व योग के नाम पर आज Exercise परोसा जा रहा है। Fitness, Health के नाम पर सनातन प्राचीन योग संस्कृति व पद्धति से खिलवाड़ हो रहा है। प्राणायाम की प्रणाली को तोड़-मरोड़ कर विकृत रुप में परोसा जा रहा है । ऐसे में महर्षि पतंजलि के योगसूत्र व गुरु वशिष्ठ वाल्मिकी के योग वशिष्ठ के दर्शन कहीं खो गएं हैं। दुकान ने योग की धारा बदल रखी है और आम लोगों को योग की वास्तविक पद्धति ना प्राप्त होने से समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा। आओ बनें योगबली - वशिष्ठ योगाश्रम की वो मुहिम है जो प्राचीन योग की प्राचीन चिकित्सीय व आध्यात्मिक शक्ति को वास्तविक स्वरुप में आप तक पहुंचाने का मकसद रखती है। योगगुरु धीरज के योग राष्ट्र आंदोलन व पुकार पर पूरा देश जाग उठा है । रुपांतरण हो रहें हैं, माहौल बदल रहा है। हर जगह एक ही पुकार है - मैं हूं योगबली, घर-घर, गली-गली योग के इस बल-बला-बल को हर एक के पास पहुंचाना है। आप भी सनातन प्राचीन योग साधना से जुड़ें , जीवन रुपांतरण करें । आप भी भी कहें - मैं हूं योगबली। आओ बनें योगबली।
जय गुरु भगवान वशिष्ठ !