"खोलो द्वार" कविता की व्याख्या/"Kholo Dwar" Kavita Ki Vyakhya

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छायावादी कवि 'जयशंकर प्रसाद' की कविता"खोलो द्वार "की व्याख्या की गई है। इस कविता में पापी मानव अपने द्वारा की गई भूलों पर पश्चाताप करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे अपनी शरण में ले ले।

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